Home मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश में डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने ट्रांसफर को लेकर कही...

मध्य प्रदेश में डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने ट्रांसफर को लेकर कही बड़ी बात, कर्मचारियों द्वारा बताए बड़े कारणों को देंगे प्राथमिकता

1

भोपाल
 मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि शासकीय सेवकों की स्थानांतरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाया जाए। अधिकारी-कर्मचारियों के स्थानांतरण आवेदन में मानवीय दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी जाए।

सामान्य प्रशासन विभाग के प्रविधानों के अनुसार स्थानांतरण प्रक्रिया में विभिन्न कारणों यथा पति-पत्नी शासकीय सेवक हैं और एक ही कार्यस्थल में पदस्थापना चाहते हैं, स्वयं की गंभीर बीमारी, परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्य समस्याओं या अन्य बड़े कारणों के लिए प्राथमिकता दी जाए।

पोर्टल पर समय पर उपलब्ध कराएं जानकारी

उन्होंने कहा, ई-एचआरएमआइएस में ऐसे प्रविधान किए जाएं कि स्थानांतरण में मानवीय हस्तक्षेप कम से कम हो। पोर्टल में शासकीय सेवकों की आवश्यकताओं और प्रविधानों के अनुरूप सभी जरूरी सुधार किए जाएं। रिक्तियों की अद्यतन जानकारी पोर्टल पर समय पर उपलब्ध कराई जाए।
एक सप्ताह में तैयारियां करने को कहा

उप मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की स्थानांतरण प्रक्रिया के लिए ई-एचआरएमआइएस पोर्टल के प्रविधानों की समीक्षा की। उन्होंने पोर्टल में सभी तैयारियां एक सप्ताह में करने के लिए कहा है।

एमपीएसईडीसी के प्रतिनिधियों ने पोर्टल के प्रविधानों पर प्रस्तुतीकरण दिया। बता दें कि ई-एचआरएमआइएस से लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्थानांतरण के लिए पहली बार आनलाइन सुविधा प्रारंभ की जा रही है।

1700 हेक्टेयर वन भूमि पर होंगे विकास कार्य, भारत सरकार ने दी स्वीकृति

मप्र की 1700 हेक्टेयर वन भूमि पर विकास कार्य किए जाएंगे। इसके लिए भारत सरकार ने स्वीकृति दे दी है। वर्ष 2024 में भारत सरकार ने मध्य प्रदेश के वन क्षेत्र में कुल एक हजार 709.45 हेक्टेयर भूमि 37 परियोजनाओं के लिए मंजूर की है।

इसके बदले में अन्यत्र राजस्व भूमि एवं वर्तमान दर पर ली गई है।इन परियोजनाओं में जल संसाधन विभाग से संबंधित सात प्रकरणों में 1310.08 हेक्टेयर, विद्युत प्रोजेक्ट के 13 प्रकरणों में 220.36 हेक्टेयर, रेलवे के एक प्रकरण में 12.97 हेक्टेयर, खनन के दो प्रकरणों में 56.63 हेक्टेयर, सड़क के चार प्रकरणों में 35.42 हेक्टेयर और 10 अन्य प्रकरणों में 73.95 हेक्टेयर वन भूमि स्वीकृत की गई है।

इसके अलावा 48 प्रकरणों में 998.27 हेक्टेयर वन भूमि के डायवर्सन की सैद्धांतिक सहमति भी भारत सरकार ने दी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here