Home राजनीति अजित पवार की पार्टी ने इसके संकेत भी दिए हैं और कहा...

अजित पवार की पार्टी ने इसके संकेत भी दिए हैं और कहा है कि असली तस्वीर चुनाव के बाद ही सामने आएगी: देवेंद्र फडणवीस

1

मुंबई
महाराष्ट्र में कभी 4 राजनीतिक दल हुआ करते थे, लेकिन शिवसेना और एनसीपी में बंटवारे के चलते 6 पार्टियां चुनावी मैदान में हैं। इस बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या चुनाव के बाद भी यही तस्वीर बनी रहेगी या कुछ दल पालाबदल भी कर सकते हैं। अजित पवार की पार्टी ने इसके संकेत भी दिए हैं और कहा है कि असली तस्वीर चुनाव के बाद ही सामने आएगी। इस बीच डिप्टी सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी स्वीकार किया है कि चुनाव के बाद कुछ भी हो सकता है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि विधानसभा चुनाव ‘अजब’ है और 23 नवंबर को परिणाम घोषित होने के बाद ही स्पष्ट होगा कि कौन गुट किसका समर्थन कर रहा है।

फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना, अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा और भाजपा के गठबंधन ‘महायुति’ को कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) पर बढ़त हासिल है। फडणवीस ने कहा, ‘ये चुनाव अजीब हैं। हमें नतीजों के बाद ही पता चलेगा कि कौन किसके साथ है। महायुति के भीतर भी आंतरिक विरोधाभास है।’ उन्होंने दावा किया कि एमवीए को भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। फडणवीस ने कहा कि उनकी पार्टी का नारा ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ एमवीए के चुनाव प्रचार अभियान के जवाब में गढ़ा गया है।

भाजपा नेता ने दावा किया कि उनके सहयोगियों अशोक चव्हाण और पंकजा मुंडे के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री अजित पवार इसके ‘मूल’ अर्थ को समझने में विफल रहे। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बार-बार इस्तेमाल किए जाने वाले इस नारे ने विपक्ष को इसकी निंदा करने के लिए एकजुट कर दिया है। विपक्ष का दावा है कि इस नारे के सांप्रदायिक निहितार्थ हैं, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ नेताओं ने भी इस पर आपत्ति जताई है।

फडणवीस ने कहा कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ कांग्रेस नीत महाविकास आघाडी के विभाजनकारी चुनाव प्रचार अभियान के जवाब में गढ़ा गया नारा है। इस नारे का मूल संदेश यह है कि ‘सभी को एक साथ रहना होगा।’ फडणवीस ने कहा, ‘इस नारे का मतलब यह नहीं है कि हम मुस्लिमों के खिलाफ हैं। हमने यह नहीं कहा कि लाडकी बहिन योजना का लाभ मुस्लिम महिलाओं को नहीं दिया जाएगा।’ उन्होंने दावा किया, ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ भी कांग्रेस और एमवीए के तुष्टिकरण का जवाब है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान ‘वोट जिहाद’ का प्रयोग किया और मस्जिदों में पोस्टर लगाए गए, जिसमें लोगों से एक विशेष पार्टी को वोट देने का आग्रह किया गया। यह किस तरह की धर्मनिरपेक्षता है।

सीएम बनने के सवाल पर बोले- जीना यहां, मरना यहां
इस दौरान देवेंद्र फडणवीस ने चुनाव बाद खुद के सीएम बनने की संभावनाओं पर भी बात की। उनसे पूछा गया कि क्या आपका प्रमोशन होगा? इस सवाल को वह हंसकर टाल गए। लेकिन यह भी कहा, 'भाजपा मुझसे जो भी करने को कहेगी, मैं वह करूंगा। ‘जीना यहां, मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां।’ भाजपा जहां भी जाने को कहेगी, मैं वहां जाऊंगा।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here