भोपाल
मध्य प्रदेश में 13 नवंबर को होने वाले बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए भाजपा का प्रदेश नेतृत्व ही कमान संभाल रहा है लेकिन कांग्रेस में इसका ठीक उल्टा हो रहा है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश के कांग्रेस नेताओं का आत्मविश्वास हिला हुआ है।आलाकमान भी उन पर पूरा भरोसा नहीं कर पा रहा इसलिए उपचुनाव में प्रचार के लिए बाहरी नेताओं को बुलाया गया है। राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने विजयपुर में सभाएं की तो भरतपुर की सांसद संजना जाटव भी आने वाली हैं। वे एससी वर्ग के मतदाताओं को साधेंगी।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित वरिष्ठ नेता भी प्रचार के लिए आ सकते हैं, ये सभी उपचुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। दरअसल, प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों बड़े नेताओं में मात्र दिग्विजय सिंह और कमल नाथ ही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का चुनाव प्रचार कार्यक्रम तो बना था लेकिन ऐन वक्त पर निरस्त भी हो गया था। अन्य नेताओं का कद और प्रभाव उतना नहीं है। यही वजह है कि कांग्रेस को बाहरी नेताओं की मदद उपचुनाव में प्रचार के लिए लेनी पड़ रही है। अब तक उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां स्थानीय नेताओं के भरोसे ही चुनाव लड़ते रहे हैं।
इनके अलावा कांग्रेस में और कोई नेता इस कद का नहीं हैं जिसका व्यापक जनाधार हो। इसके विपरीत भाजपा में प्रदेश स्तर पर सक्रिय नेताओं की कमी नहीं है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के अलावा केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा सहित कई अन्य नेता प्रचार कर रहे हैं। इसके अलावा एससी वर्ग में लालसिंह आर्य, एसटी वर्ग में फग्गन सिंह कुलस्ते ऐसे नेता हैं, जो प्रदेश और बाहर भी जाने-पहचाने जाते हैं।