प्रदेश के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल के जूनियर डॉक्टर्स और पोस्ट पीजी रेजिडेंट्स 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। स्टाइपेंड और बॉन्ड कम करने की मांग को लेकर ये हड़ताल होगी।
रायपुर के अलावा सरगुजा, कांकेर, जगदलपुर, रायगढ़ और राजनांदगांव के सरकारी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स भी काम बंद कर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। अपनी मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर्स ने आज अस्पताल में काली पट्टी लगाकर मरीजों का इलाज किया।
छत्तीसगढ़ में सबसे कम मानदेय
छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ प्रीतम दास ने बताया कि छत्तीसगढ़ में जूनियर डॉक्टर्स को मिलने वाला स्टाइपेंड दूसरे राज्यों के मुकाबले बेहद कम है। उन्होंने बताया कि आस-पास के स्टेट एमपी, झारखंड से भी कम स्टाइपेंड प्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स को मिलता है। दूसरे प्रदेशों में जहां 95 हजार रुपए तक दिया जाता है। वहीं छत्तीसगढ़ में 50-55 हजार रुपए ही मिलते हैं।
किसी भी प्रदेश में 2 साल का बॉन्ड नहीं भरवाया जाता है। केवल छत्तीसगढ़ में ही ऐसा हो रहा है। बीते 4 साल में मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। इसके चलते मजबूरन अब हड़ताल का कदम उठाना पड़ा है।
3 हजार से ज्यादा डॉक्टर जाएंगे हड़ताल पर
प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स की संख्या 3 हजार से ज्यादा है। ये सभी प्रदेश अलग-अलग जिलों के मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं। इसके साथ ये लोगों का इलाज भी करते हैं। प्रीतम दास ने बताया कि आज काली पट्टी लगाकर केवल सांकेतिक प्रदर्शन किया गया है, अगर इसके बाद भी मांगें नहीं मानी जाती तब 1 अगस्त से रूटीन, ओपीडी और इमरजेंसी सर्विस को बंद कर दिया जाएगा। इसमें सभी सरकारी कॉलेज के लगभग 3 हजार पीजी, इंटर्न, बॉन्ड भरे हुए डॉक्टर्स काम बंद कर देंगे। इसके अलावा पोस्ट पीजी के रेजिडेंट्स को भी कम मानदेय दिया जा रहा है इसलिए वे ही जूडो के साथ हड़ताल पर रहेंगे।
6 महीने पहले हुई थी हड़ताल
डॉ प्रीतम ने बताया कि जूनियर डॉक्टर्स 6 महीने पहले भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे। उस समय सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों पर त्वरित निर्णय लिया जाएगा लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद भी कोई फैसला नहीं आया। जिससे जूनियर डॉक्टर्स में नाराजगी है इसलिए अपनी मांगों को लेकर 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया है।