जिला पंजीयन कार्यालय दुर्ग में बीएसपी द्वारा सेल स्कीम फॉर लीज ऑफ हाउसेस फॉर एम्पलाई 2002 के अंतर्गत दिए गए 4500 आबंटियों के मकानों का पंजीयन हो चुका है। इसके बाद भी लोगों में भ्रम था कि पंजीयन के बाद भी वो बैंक लोन नहीं ले पाएंगे। जिला प्रशासन ने खुद जानकारी दी है कि सभी लीज धारक पंजीयन के बाद बैंक लोन लेने का अधिकार रखेंगे।
दुर्ग जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भिलाई इस्पात संयंत्र ने सेल स्कीम फॉर लीज ऑफ हाउसेस फॉर एम्पलाई 2002 के अंतर्गत 4500 आबंटियों को दीर्घकालीन पट्टे आबंटित किये थे। जिसका लीज एग्रीमेंट 50, 75, 100 रुपए के स्टाम्प पर किया गया था। नियम के मुताबिक इन सभी एग्रीमेंट का पंजीयन करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया था।
राज्य शासन की पहल पर सभी लीज का पंजीयन कार्यालय में शुरू हुआ था। जिला पंजीयक के मुताबिक सभी लीज आवंटन का पंजीयन संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882 के प्रावधानों के आधार पर हो गया है। यह पंजीयन की प्रक्रिया संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882 के तहत होने से लीज संपत्ति पर छत्तीसगढ़ नगर निगम अधिनियम 1956, नगर औक ग्राम निवेश अधिनियम 1973 तथा भूमि विकास नियम 1984 के तहत किया गया है।
लीज धारक अब ले सकेंगे बैंक लोन
दुर्ग कलेक्टोरेट से मिली जानकारी के मुताबिक अब लीज रजिस्ट्री धारक किसी भी बैंक से लोन पाने का अधिकार रख सकेंगे। कलेक्टर ने बताया कि जिला कार्यालय की ओर से बीएसपी के उच्च प्रबंधक और संयंत्र के जिम्मेदार अधिकारियों से लीज धारकों को अन्य विधिक अधिकार दिलाने के लिए चर्चा की जाएगी।