चीन और पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर नजर रखने के लिए भारत अपने निगरानी तंत्र को बड़े स्तर पर मजबूत करने जा रहा है. सोमवार को सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय रक्षा बल चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर निगारनी के लिए 97 ‘मेड-इन इंडिया’ ड्रोन हासिल करने वाला है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारतीय वायुसेना करीब 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से इन ड्रोनों की खरीदारी करेगी. ये ड्रोन लगातार 30 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम होंगे.
बता दें कि भारत ने हाल ही में अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदने का फैसला किया था. सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि सिक्योरिटी फोर्सेस ने संयुक्त रूप से एक साइंटिफिक स्टडी किया. इसके बाद यह फैसला लिया गया कि जमीन और समुद्र दोनों पर नजर रखने के लिए 97 मध्यम ऊंचाई की ड्रोनों की जरूरत होगी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक पुराने ड्रोन्स को ‘मेक-इन इंडिया’ के माध्यम से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और मूल उपकरण निर्माता मिलकर संयुक्त रूप से अपग्रेड कर रहे हैं.
10 हजार करोड़ से ज्यादा की लागत से खरीदे जाने वाले यह ड्रोन पिछले कुछ सालों से तीनों सेनाओं में शामिल किए गए हेरॉन यूएवी से अलग होंगे. जो ड्रोन पहले से ही सेवा में हैं, उन्हें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा मेक-इन-इंडिया के माध्यम से मूल उपकरण निर्माताओं के साथ साझेदारी में अपग्रेड किया जा रहा है. जहां उन्हें 60 प्रतिशत से अधिक भारतीय सामग्री के उपयोग करके देश के भीतर अपनी क्षमताओं को उन्नत करना होगा