Home राजनीति हरियाणा विधानसभा में एक ही परिवार की तीन पीढ़ियां एक साथ हारी

हरियाणा विधानसभा में एक ही परिवार की तीन पीढ़ियां एक साथ हारी

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चंडीगढ़
हरियाणा में लोकसभा की ही तरह 2024 के विधानसभा चुनावों के परिणाम भी आर्श्चय जनक रहे। देवीलाल की राजनीतिक विरासत के वारिस रहे ओमप्रकाश चौटाला के परिवार में 2019 में बिखराव हुआ तथा अजय की अगुवाई में दुष्यंत ने जननायक जनता पार्टी बना ली। दुष्यंत की अगुवाई में 2019 में अलग होने के बाद पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और 10 सीटें जीतकर दुष्यंत मनोहर सरकार में डिप्टी सीएम बने। मार्च में मनोहर की जगह नायब सैनी को प्रदेश की सत्ता सौंपने के साथ भाजपा ने दुष्यंत को भी गठबंधन सरकार से अलग कर दिया। 2019 में उचाना से बांगर के शेर कहे जाने वाले बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता को हराकर विधानसभा पहुंचे, दुष्यंत 2024 में उचाना से अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। 2024 के चुनाव में देवीलाल परिवार की तीन पीढ़ियां एक साथ चुनाव हारी, हालांकि दो युवा चेहरे पहली बार विधानसभा पहुंचने में सफल रहे।

जिनमें भाजपा छोड़कर इनेलो में आए डबवाली से आदित्य देवीलाल चौटाला व रानिया से अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला ने जीत दर्ज की। जबकि उचाना से दुष्यंत चौटाला अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। अर्जुन चौटाला ने देवीलाल के बेटे व अपने दादा रणजीत चौटाला तो आदित्य ने देवीलाल परिवार के सदस्य अमित सिहाग को हराया। देवीलाल परिवार से चुनाव हारने वालों में दिग्विजय चौटाला, सुनैना चौटाला का नाम भी शामिल है।

राजनीतिक घरानों को मतदाताओं ने नकारा
2024 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश के बड़े राजनीतिक घरानों को प्रदेश की जनता ने नकार दिया। 2024 के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल, भजनलाल, ओमप्रकाश चौटाला, बंसीलाल, राव बीरेंद्र सिंह के परिवार चुनाव लड़ रहे थे, जिनमें से तोशाम से बंसीलाल की पौत्री ने भाजपा की टिकट पर अपने कजिन कांग्रेस उम्मीदवार अनिरुद्ध चौधरी को हराया। पहली बार भाजपा की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी राव बीरेंद्र सिंह की पौत्री एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव चुनाव जीतने में सफल रही।

उचाना में बांगड़ के शेर चौ. बीरेंद्र सिंह व देवीलाल परिवार को एक साथ हार का मुंह देखना पड़ा। यहां भाजपा की टिकट पर पहली बार चुनाव मैदान में उतरे देवेंद्र अत्री ने चौ. बीरेंद्र सिंह के बेटे कांग्रेस उम्मीदवार एवं हिसार के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को 39 वोटों से हरा दिया। यहां देवीलाल के परिवार से तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरे दुष्यंत चौटाला 10 हजार का आंकड़ा भी नहीं छू पाए।

पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल का गढ़ आदमपुर भी 2024 में ढह गया तथा भजनलाल के पौत्र एवं भाजपा उम्मीदवार भव्य बिश्नोई पहली बार चुनाव में उतरे कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व आईएएस चंद्रप्रकाश में 565 वोटों से चुनाव हार गए। हालांकि, पंचकूला से भजनलाल के बेटे एवं पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन कांग्रेस की टिकट पर जीतने में सफल रहे। 2024 में पूर्व मुख्यमंत्रियों व बड़े राजनीतिक घरानों के डेढ़ दर्जन से अधिक सदस्य चुनाव लड़ रहे थे। बंसीलाल और राव बीरेंद्र सिंह को छोड़ दे तो सभी को हार का मुंह देखना पड़ा।

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