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छत्तीसगढ़ के जन औषधि केन्द्र पर जनता का विश्वास नहीं, दवाओं की नियमित जांच आवश्यक 

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औषधि जांच व कंट्रोल विभाग सजग नहीं, जांच में करती है कौताही 

भिलाई। प्रदेश में केन्द्र व्दारा संचालित दवा दुकाने जन औषधि केन्द्र लगातार खोले जा रहे हैं । इन दवा दुकानों को खोलकर जैनेरिक दवा आम जनता तक पहुंचाना मुख्य उद्देश्य है।
      स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभी दवाओं की गुणवत्ता जांच कर पाया था कि 53 अति आवश्यक दवाऐं गुणवत्ता विहीन हैं। देखा गया है कि इन दुकानों डायबिटीज,बीपी जैसे बिमारियों की जो दवा बेचती जा रही है वह पूरी तरह उपयोगी नहीं है । वहीं यह भी देखा गया है कि जैनिरिक दवाओं के लगातार उपयोग से शारीरिक क्षति होती है।
जन औषधि योजना (JAS) के ज़रिए, जेनेरिक दवाएं सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराई जाती हैं। जेनेरिक दवाएं ब्रैंडेड दवाओं की तरह ही काम करती हैं, क्योंकि इनमें वही सक्रिय तत्व होते हैं। इसलिए, जन औषधि दवाओं से नुकसान की संभावना कम होती है। हालांकि, दवाओं के कुछ आम दुष्प्रभाव हो सकते हैं:
दाने, कब्ज़, मतली, दस्त, चक्कर आना, उनींदापन, अनिद्रा, सिरदर्द, शुष्क मुँह।
 दवाओं के कुछ गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे कि: एनाफ़िलेक्टिक रिएक्शन जैसी एलर्जी, गंभीर रक्तस्राव, हृदय ताल असामान्यताएं, आंतरिक रक्तस्राव।
 दवाओं के दुष्प्रभावों से बचने के लिए, यह ज़रूरी है कि दवाओं का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। कई दवाओं को एक साथ लेने पर, एक दवा दूसरी दवा को ज़्यादा ताकतवर या कमज़ोर बना सकती है। इसलिए यह आवश्यक है डॉक्टर के सलाह मशविरा से ही दवाओं का उपयोग किया जाए।

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