पीएम नरेंद्र मोदी ने आज शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वर्चुअल शिखर सम्मेलन की मेजबानी की. इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ( Xi Jinping), रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) सहित एससीओ के दूसरे सदस्य देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पड़ोसी मुल्कों और दुनिया भर से जुड़े ताजा मुद्दों को उठाया और भारत का रुख साफ किया. पीएम मोदी ने पाकिस्तान के शहबाज शरीफ और चीन के जिनपिंग के सामने आतंकवाद के मसले पर खरी-खरी सुनाई. पीएम मोदी के भाषण की 10 प्रमुख बातें ये हैं-
एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के इंस्ट्रूमेंट के रूप में इस्तेमाल करते हैं, एसीओ को एैसे देशों की आलोचना में कोई संकोच नहीं करना चाहिए. ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. आतंकवादी फंडिंग से निपटने के लिए हमें हमें आपसी सहयोग बढ़ाना चाहिए.
एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ईरान की एससीओ सदस्यता के बाद हम चाबहार बंदरगाह के बेहतर उद्योग के लिए काम कर सकते हैं.
एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर भारत की चिंताए और अपेक्षाएं एससीओ के अधिकांश देशों के समान हैं. हमें अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा कि अफगान नागरिकों को मानवीय सहायता, एक समावेशी सरकार का गठन, आतंकवाद और ड्रग तस्करी के विरुद्ध लड़ाई तथा महिलाओं-बच्चों व अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना हमारी साझा प्राथमिकता है. भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि हमें मिलकर यह विचार करना चाहिए कि क्या हम एक संगठन के रूप में हमारे लोगों की अपेक्षाओं का सामना करने में सक्षम हैं? इस विषय में भारत एससीओ में सुधार और आधुनिकीकरण का समर्थन करता है.
पीएम मोदी ने कहा कि एससीओ की मंत्री स्तर की बैठक में हमने मिल कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार किए हैं. इनसे हमने अपने सहयोग में नए और आधुनिक आयाम जोड़ रहे हैं. वैश्विक स्थिति एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर है, विवादों, तनावों और महामारी से घिरे विश्व में फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर क्राइसिस सभी देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 2 दशक में एससीओ पूरे एशियाई क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमने हमारे प्रयासों को दो मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित किया है, पहला वसुधैव कुटुम्बकम और दूसरा सिक्योर यानि सिक्योरिटी, इकोनॉमिक डेवलपमेंट व अन्य हमारे SCO का विजन है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने इस दृष्टिकोण के साथ एससीओ में सहयोग के 5 नए स्तंभ- स्टार्ट अप एंड इनोवेशन, ट्रेडिशनल मेडिसिन, यूथ इंपावरमेंट और डिजिटल बनाए हैं.
पीएम मोदी खुशी जताई कि ईरान एससीओ की बैठक में शामिल हुआ. साथ ही उन्होंने बेलारूस के एससीओ में शामिल करने के लिए मेमोरेंडम में हस्ताक्षर का स्वागत किया. पीएम मोदी ने कहा कि यह जरूरी है कि एससीओ का पूरा फोकस मध्य एशिया के देशों के हितों पर रहे.