सरकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के शंघाई कॉरपोरेशन ऑरगेनाइजेशन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के फैसले का स्वागत किया है. यह शिखर सम्मेलन अगले हफ्ते वर्चुअल प्रारूप में होगा. भारत सरकार के नुमाइंदे जो इस मामले से परिचित हैं उन्होंने कहा कि, ‘हम प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एससीओ बैठक के लिए स्वागत करते हैं, एससीओ एक वैश्विक मंच है, (और इस प्रकार की बहुपक्षीय बैठकों मे) निजी तनावों को बीच में नहीं लाना चाहिए’
ईरान नए सदस्य के तौर पर होगा शामिल
उक्त लोगों ने कहा कि, इस बार ईरान एक नए सदस्य के तौर पर मौजूद होगा और हमारा लक्ष्य इस मंच पर मिलकर क्षेत्रीय मुद्दों को निपटाना होना चाहिए. हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान इस मामले को समझेगा कि दो देशों के मुद्दे क्षेत्रीय मुद्दों से अलग होते हैं. हमें अधिक परिपक्व तरीके से बर्ताव करने की ज़रूरत है.
पाकिस्तान ने पहले जताई संभावना फिर भरी हामी
प्रधानमंत्री मुहम्मद शहबाज शरीफ 4 जुलाई 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंस प्रारूप में आयोजित होने जा रही एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ स्टेट्स (सीएचएस) की 23 वीं बैठक में भाग लेंगे. वर्तमान में एससीओ के अध्यक्ष के तौर पर भारत के प्रधानमंत्री ने उन्हें निमंत्रण दिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री की सीएचएस में भागीदारी यह दर्शाती है कि पाकिस्तान क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि को लेकर एससीओ को कितनी अहमियत देता है.
इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि शहबाज शरीफ के बैठक में शामिल होने की संभावना जताई थी लेकिन किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं की थी. शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्री ने भी घोषणा की, कि चीन के राष्ट्रपति जी जिनपिंग एससीओ के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
चीन के राष्ट्रपति भी होंगे बैठक में शामिल
समाचार एजेंसी एएनआई और चीन स्थित शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चुनयिंग हुआ ने घोषणा की, कि ‘भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बीजिंग में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लेंगे और 4 जुलाई को अपने विचार भी प्रकट करेंगे.’