रायपुर। प्रदेश के राजस्व विभाग में कसावट लाने बड़ा तबादला किया गया है। साय सरकार ने 55 तहसीलदारों समेत राजस्व विभाग के 169 अधिकारियों का तबादला कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राजस्व विभाग से जुड़े कामकाज में लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई थी, जिसके 24 घंटे के भीतर ही ट्रांसफर की लंबी लिस्ट आ गई। राजस्व विभाग से जुड़े तहसीलदार, नायब तहसीलदार, उप पंजीयक और राजस्व निरीक्षक जैसे अधिकारियों को बदला गया है। इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिए हैं।
जारी आदेश के मुताबिक रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, धमतरी, कोरबा और बस्तर जैसे करीब-करीब सभी बड़े जिलों के तहसीलदारों का ट्रांसफर हुआ हैं। 28 राजस्व निरीक्षकों का भी तबादला किया गया है। इनमें रायपुर, बस्तर, बेमेतरा, बलौदाबाजार, मुंगेली और जशपुर के अधिकारी शामिल हैं। ट्रांसफर सूची के अनुसार 33 वरिष्ठ उप पंजीयक को हटाने के भी आदेश है। रायपुर के रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारी बदले हैं। इसके अलावा दुर्ग, बिलासपुर, धमतरी, रायगढ़, कोरबा, जशपुर और राजनांदगांव जैसे जिलों के उप पंजीयक भी हटाए गए हैं। सरकार ने 51 नायब तहसीलदारों को भी हटा दिया है।
जानकारी के मुताबिक फर्जी रजिस्ट्री, जमीन धोखाधड़ी समेत अवैध कब्जे की शिकायत लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच रही थी। इस बीच CM साय ने राजस्व कार्यालय में लंबे समय तक पेंडिंग पड़े आवेदनों का रिव्यू किया। रायपुर में 2 दिन तक चली कलेक्टर-SP कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री साय ने इसे लेकर खुलकर अधिकारियों को फटकार लगाई थी। मुख्यमंत्री ने सारंगढ़-बिलाईगढ़, बस्तर और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर की थी। मनरेगा में काम नहीं होने की वजह से CM विष्णुदेव साय ने बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के., कबीरधाम के जन्मेजय महोबे और बिलासपुर कलेक्टर अवनीश कुमार शरण को भी फटकार लगाई थी। सूत्रों के मुताबिक ठीक से काम नहीं करने वाले कलेक्टर और SP भी जल्द बदले जा सकते हैं।