कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने अगले माह मानसून के आने की प्रबल संभावना को ध्यान में रखकर महासमुंद ज़िले में आपदा प्रबंधन की अग्रिम तैयारी शुरू कर दी है। कलेक्टर श्री क्षीरसागर बीते मंगलवार को समय-सीमा की बैठक के दौरान अधिकारियों को समय रहते पूरी तैयारी करने कहा।
बैठक में आगामी मानसून में बाढ़ एवं वर्षा से उत्पन्न विपत्तियों से निपटने की तैयारियों के संबंध में विस्तार से चर्चा की गईं। बैठक में जिला एवं तहसील स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष सहित आपदा प्रबंधन के लिए कार्य योजना के संबंध में विस्तार से विचार विमर्श किया गया। उन्होंने आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए सभी ज़रूरी बचाव एवं राहत संबंधी तैयारियाँ पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को प्राकृतिक विपदाओं से जनजीवन की सुरक्षा तथा राहत एवं बचाव की अग्रिम व्यवस्था करने कहा। उन्होंने शहरों में नाले-नालियों की सफाई युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष (कन्ट्रोल रूम) स्थापित करने और हर जिले में जिला एवं तहसील स्तर पर बाढ़ नियंत्रण अधिकारी भी नामांकित करने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने यह भी सुनिश्चित करने कहा है कि यह कन्ट्रोल रूम 24 घंटे कार्य करें और कन्ट्रोल रूम के दूरभाष की जानकारी आम नागरिकों को उपलब्ध कराने के लिए इसका प्रचार स्थानीय समाचार पत्रों, आकाशवाणी और दूरदर्शन पर किया जाए और सूचना पटल पर भी टेलीफोन नम्बर प्रदर्शित किया जाए।
श्री क्षीरसागर ने ज़िले के ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने को कहा गया है जहां प्रतिवर्ष बाढ़ जैसी आपदा का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इन क्षेत्रों की सतत निगरानी के लिए विशेष व्यवस्था करने और बाढ़ जैसी स्थिति में लोगों को आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने और उनके ठहराने के लिए कैम्प स्थापित करने की सम्पूर्ण योजना पहले से निश्चित करने को कहा गया है। पेयजल की शुद्धता और स्वच्छता की दृष्टि से कुओं और हैण्डपम्पों में ब्लीचिंग पावडर के छिड़काव की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने कहा। भौगोलिक दृष्टि से पहुंच विहीन क्षेत्रों में जहां बाढ़ की स्थिति में पहुंचना संभव नहीं होगा, वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री, केरोसिन, जीवन रक्षक दवाइयों का नियमानुसार भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बाढ़ से बचाव संबंधी उपलब्ध उपकरणों की दुरस्ती कराके, उनके तुरंत उपयोग के लिए तैयार रखने के निर्देश भी दिए गए हैं। मोटर बोट उपलब्ध हैं, उनकी जानकारी शीघ्र राहत आयुक्त को उपलब्ध कराने कहा। कलेक्टर सभी वर्षा मापक केन्द्रों पर स्थापित वर्षा मापक यंत्रों का उचित संधारण और जानकारी संकलित करने के लिए अधिकारी-कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश जारी करने के निर्देश दिए ।
कलेक्टर ने आगामी मानसून के दौरान ज़िले की नदियों के जल स्तर पर बराबर नजर रखने और जल स्तर के खतरे के निशान पर पहुंचने की संभावना होने पर इसकी पूर्व सूचना राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम तथा निचले जिलों को लगातार देने की व्यवस्था करने और ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तत्काल सुरक्षा उपायों पर अमल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा है कि मानसून में जलाशयों से जल छोड़ने पर विशेष ध्यान रखा जाए। जलाशयों में नियमित रूप से निकासी के प्रयास किए जाएं, ताकि बाढ़ की स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके। बांधों का जल स्तर बढ़ने पर निचले जिलों और सीमावर्ती राज्यों को बारह घण्टे पूर्व सूचना दी जाए। बाढ़ से यदि कहीं क्षति होती है तो इसकी जानकारी नियमित रूप से दें।