Home मध्य प्रदेश जबलपुर में प्राइवेट स्कूलों पर एक बार फिर बड़ी कार्रवाई, 8...

जबलपुर में प्राइवेट स्कूलों पर एक बार फिर बड़ी कार्रवाई, 8 स्कूल स्टूडेंट्स को लौटाएंगे 54 करोड़ रुपए

6

जबलपुर

जबलपुर में प्राइवेट स्कूलों पर एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की गई है। मध्यप्रदेश निजी स्कूल (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 के तहत बनी जिला स्तरीय समिति ने 8 प्राइवेट स्कूलों को 54 करोड़ 26 लाख रुपए पेरेंट्स को लौटाने का आदेश दिया है।समिति ने यह आदेश बुधवार रात करीब 11:30 बजे जारी किया। समिति के सदस्यों ने पाया कि इन स्कूलों ने 74 हजार 369 छात्राें से बतौर फीस अतिरिक्त वसूली की है।

इससे पहले जिला प्रशासन ने 27 मई 2024 को 11 स्कूलों को 81 करोड़ रुपए छात्रों और अभिभावकों को वापस करने के आदेश दिए थे। इसके खिलाफ स्कूल प्रबंधनों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई जारी है। हालांकि, जिला स्तरीय समिति ने जिन 8 स्कूलों के लिए बुधवार को आदेश जारी किए, वे इनसे अलग हैं। ​​​​

इन स्कूलों पर कार्रवाई

जिन स्कूलों पर जुर्माना लगाया गया है, उनमें माउंट लिटेरा जी स्कूल, विजडम वैली स्कूल शास्त्री नगर और कटंगा, स्प्रिंग डे स्कूल आधारताल, अजय सत्य प्रकाश स्कूल पनागर, सत्य प्रकाश स्कूल पोलीपाथर, क्राइस्ट चर्च गर्ल्स स्कूल, सेंट एलॉयसिस स्कूल पनागर समेत सेंट जोसेफ स्कूल टीएफआरआई शामिल हैं।

दूसरे कई स्कूल भी जांच के घेरे में

स्कूलों को आदेश देने वाली जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना हैं।​​ उन्होंने कहा- जितनी जल्दी हो सके, बढ़ी हुई फीस वापस की जाए। पेरेंट्स से अवैध रूप से फीस वसूलने वाले स्कूलों के खिलाफ जांच की जाएगी। आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई होगी।

इन आठों स्कूलों में से सबसे ज्यादा फीस सत्य प्रकाश स्कूल, पोलीपाथर ने 14 करोड़ 25 लाख रुपए वसूली है। जिला स्तरीय समिति ने स्कूल के लिए फीस स्ट्रक्चर भी तय किया है।

निजी स्कूलों के खिलाफ एक बार फिर बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना की ओर से गठित जिला समिति ने 8 निजी स्कूलों के द्वारा अवैध फीस वसूली के खिलाफ आदेश जारी किया है।

जिला समिति ने हर स्कूल पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की यह राशि 30 दिन के भीतर जमा करनी होगी। इससे पहले भी जिला प्रशासन ने 11 स्कूलों से 81 करोड़ रुपए छात्रों और अभिभावकों को वापस करने के आदेश दिए गए थे। लेकिन सभी स्कूल प्रबंधन ने हाई कोर्ट पहुंच गए थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here