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स्वास्थ्य संस्थाओं में मान्यता प्राप्त सुरक्षा एजेंसियों के सुरक्षा कर्मियों को नियुक्त किया जाना होगा अनिवार्य ,सीसीटीवी कैमरे लगाना होगा अनिवार्य

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स्वास्थ्य सेवाओं, अस्पताल, नर्सिंग होम, नर्सिंग हॉस्टल आदि के सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये चिकित्सकों/ संचालकों, स्वास्थ्य अधि. / कर्म. की ली गयी बैठक 
स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रवेश कर अनावश्यक विचरण करने वालों पर लगेगा प्रतिबंध 
निजी सुरक्षा कर्मियों आदि के पुलिस वेरिफिकेशन होगा अनिवार्य
भिलाई। पुलिस कण्ट्रोल रूम, सेक्टर-06 भिलाई संध्या 04.00 बजे जिले में संचालित विभिन्न अस्पतालों / सामुदायिक / प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र / नर्सिंग होम/मेडीकल कालेज में कार्यरत चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, स्वास्थ्य अधिकारियों/कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुये डॉ. मनोज दानी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला दुर्ग एवं श्री अभिषेक झा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहर, दुर्ग की उपस्थिति में चिकित्सकों, स्वास्थ्य अधिकारियों/कर्मचारियों
की मीटिंग आहूत की गयी। बैठक में श्री सत्य प्रकाश तिवारी, नगर पुलिस अधीक्षक, भिलाई नगर भी उपस्थित थे । मीटिंग के दौरान श्री अभिषेक झा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहर, दुर्ग व्दारा उपस्थित चिकित्सकों, स्वास्थ्य अधि/कर्मचारियों को अस्पतालों/ नर्सिंग होम/मेडीकल कालेजों / स्वास्थ्य संस्थाओं में मान्यता प्राप्त सुरक्षा एजेंसियों के ही सुरक्षा कर्मियों की 24 घण्टे की व्यवस्था, प्रत्येक सुरक्षा कर्मियों के पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से कराने, आपराधिक पृष्ठभूमि वाले सुरक्षा कर्मियों को सुरक्षा हेतु नियुक्त नहीं करने, संस्थाओं में थाना प्रभारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मोबाईल नम्बर एक बड़े बोर्ड में चस्पा कर लगाये जाने ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनसे सम्पर्क किया जा सके, महिला संबंधी किसी भी प्रकार की घटना को अनदेखा न किया जाए। यदि ऐसी कोई घटना घटित होती है, तो तत्काल नजदीकी थाना में इसकी सूचना देने, स्वास्थ्य संस्थाओं के अंदर सभी मुव्हमेंट वाले स्थलों एवं बाहर परिसर संवेदनशील स्थलों पर अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरा लगाने, सीसीटीवी कैमरे सुचारू से कार्य करें और इसका बैकअप भी रखने, स्वास्थ्य संस्थाओं के संवेदनशील एरिया में पर्याप्त प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था करने, जहां-जहां हॉस्टल संचालित है, वहां पर छात्राओं के आने-जाने का समय तय किया जाए, अनावश्यक हॉस्टल से बाहर न जाने दिया जाए, विशेषकर रात्रि के समय, हॉस्टल के आने-जाने वाले मार्ग / गेट में सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए, जो सुचारू रूप से कार्य करें, इसका बैकअप भी रखने, स्वास्थ्य संस्थाओं के आसपास ठेलों, खोमचे वालों के पास अनावश्यक भीड़ रहने पर इसकी सूचना नजदीकी थाना को देने, स्वास्थ्य संस्थाओं के रिसेप्शन में एक रजिस्टर रखा जाए, इसमें बाहर से आने वाले लोगों के संबंध में जानकारी दर्ज की जाए, जिसमें उनका नाम, पता, मोबाईल नम्बर, किस मरीज से किस वार्ड में मिलने आये हैं, आने एवं जाने का समय दर्ज किया जाए, इससे अस्पताल में अनावश्यक आने वाले लोगों पर अंकुश लगाया जा सकता है। यदि ऐसा कोई पाया जाता है, संदिग्ध है तो उसकी सूचना तत्काल नजदीकी पुलिस थानों को दी जाए। स्वास्थ्य संस्थाओं के पार्किंग ठेकेदारों, इनके प्रत्येक कर्मचारियों का भी पुलिस वेरिफिकेशन कराएं जाने समझाईश दिया गया। डॉ. मनोज दानी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला दुर्ग व्दारा कहा गया कि सुरक्षा की जवाबदारी पुलिस के साथ-साथ समाज एवं चिकित्सकों की भी है, इसके लिये सतर्कता और जागरूकता आवश्यक है, तभी हम घटना को रोकने में सफल होंगे। मीटिंग में लगभग 100 चिकित्सक / संचालक, स्वास्थ्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे ।

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