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मध्यप्रदेश में पहली बार श्रावण मास में आने वाले सभी तीज-त्यौहार उत्साहपूर्वक मनाये गये

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मध्यप्रदेश में पहली बार श्रावण मास में आने वाले सभी तीज-त्यौहार उत्साहपूर्वक मनाये गये

प्रदेश में लगातार 19 दिन चला रक्षाबंधन-श्रावण उत्सव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव विभिन्न जिलों में रक्षाबंधन के 23 कार्यक्रमों में हुए शामिल
आत्मीयता के साथ मनाया रक्षाबंधन

भोपाल

इस वर्ष मध्यप्रदेश में पहली बार श्रावण मास में आने वाले सभी तीज-त्यौहार उत्साहपूर्वक मनाये गये। रक्षा रक्षाबंधन पर्व पूरे सावन मास चलता रहा। रक्षाबंधन के पर्व के आयोजनों से प्रदेश का वातावरण आध्यात्मिक रंग में रंग गया। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के आव्हान पर एक अगस्त से प्रदेश में रक्षाबंधन-श्रावण उत्सव की श्रृंखला शुरू हुई जो 19 अगस्त रक्षाबंधन के दिन तक जारी रही। मंत्री, सांसद और जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में पहुँचे और बहनों से राखी बंधवाईं। मुख्यमंत्री डॉ.यादव स्वयं भी विभिन्न जिलों में आयोजित 23 कार्यक्रमों में शामिल हुए। प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ कि मुख्यमंत्री के साथ मंत्री-मंडल के सदस्यों ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर रक्षाबंधन पर्व मनाया। लगातार 19 दिन तक सावन के गीतों से वातावरण गूंजता रहा।

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने रक्षाबंधन श्रावण उत्सव की शुरूआत एक अगस्त को भगवान श्रीराम के नाम से जानी जाने वाली नगरी चित्रकूट और सिंगरौली जिले के चितरंगी से की। रक्षाबंधन के पहले उत्सव में मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की थी कि प्रदेश की एक करोड़ 29 लाख लाड़ली बहनों को अगस्त माह में 1250 रूपये के अतिरिक्त रक्षाबंधन के शगुन के रूप में 250 रूपये और दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव की यह घोषणा 10 अगस्त को श्योपुर जिले के विजयपुर में आयोजित समारोह में पूरी की गई। मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक के माध्यम से सभी पात्र लाड़ली बहनों के खातों में एक साथ 1500-1500 रूपये अंतरित किये। चित्रकूट में आयोजित बहनों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा था कि हमारे देश के त्यौहार और पर्व एक-दूसरे को आपस में जोड़ते है। पूरी दुनिया भारत के पर्व को देखकर दंग रहती है। ऋषियों ने समाज में प्रेम और सदभाव बनाये रखने के लिए हजारों वर्ष पूर्व त्यौहार की परंपरा शुरू की थी। इस परंपरा को बनाये रखने के लिये राज्य सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में हर त्यौहार पूरी गरिमा और उत्साह से मनाया जायेगा। इसी की शुरूआत रक्षाबंधन पर्व से की गई।

रक्षाबंधन उत्सव की श्रृंखला में मुख्यमंत्री डॉ. यादव 3 अगस्त को दमोह जिले के जबेरा और नरसिंहपुर में, 4 अगस्त को शाजापुर में, 5 अगस्त को बालाघाट में, 9 अगस्त को मुख्यमंत्री निवास भोपाल में, 10 अगस्त को टीकमगढ़ और श्योपुर जिले के विजयपुर में, 11 अगस्त को रवीन्द्र भवन भोपाल और मंडला में, 12 अगस्त को मुख्यमंत्री निवास और बैतूल जिले के भैंसदेही में, 13 अगस्त को कुशाभाऊ ठाकरे हॉल भोपाल में, 16 अगस्त को ‍डिंडौरी और अनूपपुर में, 18 अगस्त को उज्जैन के सुमन गार्डन, शिवांजलि गार्डन, अवंतिका यूनिवर्सिटी मैदान एवं होटल सोलिटेयर में और 19 अगस्त को खाचरोद एवं नागदा में आयोजित रक्षाबंधन-श्रावण उत्सव में शामिल हुए।

रक्षाबंधन-श्रावण उत्सव में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने बहनों से संवाद किया और बहनों के सशक्तिकरण के लिये राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं और प्रयासों की जानकारी दी। प्रदेश की लाड़ली बहनों ने अपने भैया मुख्यमंत्री को जहाँ एक ओर स्नेहिल राखी बांधी वहीं प्रतीक स्वरूप वृहद राखी भी भेंट की। बहनों में रक्षाबंधन-श्रावण उत्सव के प्रति अति उत्साह देखने को मिला। बहनों ने अपने भैया मुख्यमंत्री डॉ.यादव की ओर से मिले रक्षाबंधन के शगुन के लिये आभार पाती भेंट की। महिला स्व-सहायता समूह की बहनों ने तैयार किये उत्पाद मुख्यमंत्री को भेंट किये। उत्सव में बहनों के लिये मेहंदी के स्टॉल और झूले भी लगाये गये। मुख्यमंत्री ने बहनों को झूला भी झुलाया। रक्षाबंधन श्रावण उत्सव में बहनों को हितग्राहीमूलक योजनाओं से लाभान्वित किया।

 

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