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नर्मदांचल के जाने-माने सर्प विशेषज्ञ अभिजीत यादव अब मौत के मुंह से बाहर, अब पूरी तरह स्‍वस्‍थ

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इटारसी
इटारसी समेत आसपास के गांवों में वर्षा काल के अलावा साल भर निकलने वाले जहरीले सांपों के अलावा अन्य जीव जंतुओं को सुरक्षित पकड़कर उन्हें जंगल में छोड़ने वाले स्नैक केचर अभिजीत यादव अब खतरे से बाहर हैं। बुधवार शाम रेस्क्यू के दौरान तवानगर के जंगल में अभिजीत को कोबरा सांप ने डस लिया था, इसके बाद अभिजीत बेहोश हो गए थे। नर्मदा अस्पताल में करीब 40 घंटे जिदंगी और मौत के बीच उनकी जिदंगी फसी रही, लेकिन लोगों की दुआओं और दवाओं ने अभिजीत को नया जीवन दिया है। जीत अब सामान्य हो गए हैं, चार पांच दिन बाद उन्हें नर्मदा अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

हजारों विषैले सांपों को सुरक्षित ढंग से पकड़कर उनकी जान बचाने वाले सर्प विशेषज्ञ अभिजीत यादव की वायरल एक तस्‍वीर ने हजारों लोगों के चेहरे पर मुस्कान और सुकून ला दिया। नर्मदा अस्पताल प्रबंधक मनोज सारन ने एक तस्‍वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की, जिसमें अभिजीत यादव अस्पताल के बेड पर हल्की मुस्कान के साथ नजर आ रहे थे। जीत की सलामती के लिए उनके प्रशंसकों और चाहने वाले हजारों लोगों ने दिल से दुआ की, मन्नत मांगी, जिसका असर यह हुआ कि दवाओं और दुआओं के बल पर अभिजीत को नया जीवन मिल गया। दिन-रात शहरवासी जीत की सेहत का अपडेट इस तरह ले रहे थे, मानो वह हर परिवार का सदस्य है।

अस्‍पताल में मिलने वालों का तांता
लोगों ने उस वक्त राहत की सांस ली, जब पता चला कि जीत अब खतरे से बाहर है। अभिजीत को वेंटीलेटर से हटाकर बाहर शिफ्ट किया गया है, अभी उनकी दवाएं चल रही हैं। दो-चार दिन बाद जीत सामान्य हालत में आ जाएंगे। अस्पताल में उनसे मिलने के लिए भी लोगों की भीड़ लगी हुई है।

लोगों ने उठाया इलाज का भी खर्च
नर्मदा अस्पताल प्रबंधक मनोज सारन ने बताया कि अभिजीत को सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। वह सभी को पहचान भी रहा है, हल्की मुस्कान भी चेहरे पर आ गई है। कई लोगों ने जीत के इलाज में आने वाले खर्च का प्रबंध भी किया है।

सांप पकड़े पर कभी पैसे नहीं मांगे
दरअसल जीत ने यूं ही लोगों के दिलों में जगह नहीं बना ली, बल्कि इसे पाने के लिए उन्हें दस साल लग गए। गो सेवा से शुरूआत करते हुए जीत ने शहर समेत आसपास के गांवों ओर जिला मुख्यालय तक सांप पकड़ना प्रारंभ कर दिया, बदले में मांगकर रुपये नहीं लिए। सांपों को पकड़ा भी ओर पूरी संजीदगी के साथ उन्हें जंगल तक छोड़ने भी गए, इसी तरह के एक रेस्क्यू में एक सांप ने उन्हें डस लिया था।

गोसेवा से शुरू किया था सफर
नाला मोहल्ला निवासी अभिजीत यादव के पिता रेलवे से सेवानिवृत्त हैं। 12 साल पहले जीत ने शहर में पहले गो सेवा शुरू की, धीरे-धीरे उन्होंने सांप पकड़ना सीख लिया, इस कला के वे महारथी हो गए। पिछले सालों में 2 हजार से ज्यादा सांपों की जान बचाकर जीत ने लोगों के मन में बैठा सांपों का डर भी खत्म किया।

 

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