छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में हुई नक्सल घटना में शामिल 2 और माओवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये दोनों भी नक्सलियों के मलांगिर एरिया कमेटी में मिलिशिया सदस्य के रूप में सक्रिय थे। जिन्हें अरनपुर थाना क्षेत्र के जंगलों से गिरफ्तार किया गया हौ। 2 दिन पहले भी पुलिस ने इस घटना में शामिल 7 नक्सलियों को पकड़ा था। जिनमें 3 नाबालिग भी शामिल थे। इस मामले में अब तक कुल 9 नक्सलियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
गिरफ्तार माओवादी सुक्का ताती और पांडु ताती पिछले कई सालों से नक्सलियों के लिए काम कर रहे थे। बड़े लीडरों के कहे अनुसार IED प्लांट करना, सड़क काटना, पुल-पुलिया को नुकसान पहुंचाने जैसे काम किया करते थे। इनकी गिरफ्तारी के बाद जब इनसे पूछताछ की गई तो बताया कि, दरभा डिवीजन के नक्सली लीडर्स के कहने पर IED ब्लास्ट कर DRG जवानों से भरी एक वाहन को उड़ाया था। इस वारदात में 10 जवान समेत एक वाहन चालक ने अपनी शहादत दी थी।
ऐसे हुई कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले पुलिस ने अरनपुर थाना इलाके से ही 4 नक्सलियों को पकड़ा था। इनमें एक नाबालिग भी शामिल था। इन सभी से अलग-अलग तरह से पूछताछ की गई थी जिसके बाद उन्होंने अन्य 3 लोगों का नाम बताया था। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर अन्य तीन को भी गांवों से घेरा बंदी कर पकड़ लिया था। इनमें भी दो नाबालिग शामिल थे। चार नक्सलियों को कोर्ट में पेश कर जेल और 3 नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा जा चुका है।
इनकी हुई थी गिरफ्तारी
- बुधरा माड़वी, निवासी- पेड़का
- जितेंद्र मुचाकी, निवासी- तनेली
- हिड़मा मड़काम, निवासी- पेड़का
- हिड़मा माड़वी, निवासी- पेड़का नक्सलियोंन ने करीबकरीब 40 से 50 किलो की IED का इस्तेमाल किया था।
SP बोले- पुछताछ में हुए खुलासे
दंतेवाड़ा के एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि इन सभी नक्सलियों से पूछताछ की गई, जिसमें कई खुलासे भी हुए हैं। इन लोगों ने जिन-जिन बिंदुओं पर जानकारी दिए हैं उसकी जांच भी की जा रही है। साथ ही अरनपुर के आसपास के इलाकों में लगातार सर्चिंग भी की जा रही है। कुछ दिनों के अंदर और खुलासे किए जाएंगे।
10 जवान और एक वाहन चालक हुए थे शहीद
दरअसल, नक्सलियों ने दंतेवाड़ा-जगरगुंडा मार्ग पर अरनपुर और समेली कैंप के बीच IED प्लांट कर रखी हुई थी। जवान अरनपुर थाना क्षेत्र के जंगलों में सर्चिंग के लिए गए हुए थे। जहां नक्सलियों के साथ मुठभेड़ भी हुई थी। मुठभेड़ में कामयाबी हासिल कर डीआरजी के जवान जिला मुख्यालय लौट रहे थे। इस बीच माओवादियों ने IED ब्लास्ट कर जवानों से भरी गाड़ी को उड़ा दिया था। जिसमें 10 DRG जवान समेत एक वाहन चालक शहीद हो गए।