दुनियाभर में 05 मई को पेनुम्ब्रा चंद्रग्रहण होगा. अगर इसे और हिंदी में समझें तो इसका मतलब है उपछाया चंद्रग्रहण. ये खास स्थिति होती है. इसमें चांद पृथ्वी की सीध में नहीं होता बल्कि ऐसे किनारे की स्थिति में होता है, जबकि पृथ्वी की उपछाया उस पर पड़ती है और धीरे धीरे चांद पर अंधेरा बढ़ता जाता है. ये चंद्रग्रहण की एक दुर्लभ स्थिति है.
इस चंद्रग्रहण को 5 मई 2023 को रात 08.45 बजे से करीब साढ़े 04 घंटे तक देखा जा सकेगा. इस साल दो चंद्रग्रहण पड़ेंगे. ये वर्ष 2023 का पहला चंद्रग्रहण होगा. इसमें चांद हल्का सा बड़ा भी नजर आएगा. इस बार माना जा रहा है कि पेनुम्ब्रल चंद्रग्रहण काफी गहरा होगा यानि पृथ्वी की छाया धीरे धीरे चांद के बड़े हिस्से को ढक लेगी. अगली बार ऐसा गहरा पेनुम्ब्रा चंद्रग्रहण सितंबर 2042 में ही होगा.
सवाल – चंद्रग्रहण कब होता है?
– खगोलीय हिसाब ये तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाए. चंद्रग्रहण तीन तरह का होता है – पूर्ण, आंशिक और पेनुम्ब्रा यानि उपछाया ग्रहण.
सवाल – पेनुम्ब्रा चंद्रग्रहण को अगर बताना हो तो कैसे समझेंगे?
– जब पृथ्वी की स्थिति सूर्य और चांद के बीच होती है लेकिन चांद सीधे पृथ्वी के सीध में नहीं होता बल्कि उसकी छाया के बाहरी या धुंधले हिस्से से होकर गुजरता है तो इस स्थिति को पेनुम्ब्रा के रूप में जाना जाता है. लिहाजा इसे पेनुम्ब्रा चंद्रग्रहण कहते हैं. लेकिन ये स्थिति कम आती है जबकि पृथ्वी की उपछाया चांद पर ग्रहण बनाए. अब ये स्थिति 19 साल बाद आएगी. इसमें पृथ्वी सूर्य के प्रकाश के केवल एक हिस्से को चंद्रमा तक पहुंचने से रोकती है.