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विजयपुर से रामनिवास रावत, बुधनी से रमाकांत…भाजपा कैंडिडेट घोषित, कांग्रेस अभी मंथन में

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भोपाल
प्रदेश की खाली हुई विधानसभा सीटों के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इन सीटों पर चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्दी ही हो सकता है। कांग्रेस फिलहाल यहां प्रत्याशियों के नामों पर मंथन में जुटी हुई है।

जानकारी के मुताबिक भाजपा ने विजयपुर सीट के लिए रामनिवास रावत को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया है। रावत पूर्व में इसी सीट से कांग्रेस विधायक रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। भाजपा में शामिल हुए रावत को प्रदेश सरकार के कैबिनेट में भी शामिल कर लिया गया है। इसके बाद उन्होंने मंगलवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

शिव की जगह रमाकांत
पूर्व सीएम शिवराज सिंह के केंद्रीय मंत्री बन जाने के बाद खाली हुई बुदनी विधानसभा सीट के लिए भी उप चुनाव होना है। इस सीट पर भाजपा ने रमाकांत को अपना उम्मीदवार बनाया है। हालांकि इस विधानसभा क्षेत्र से शिवराज पुत्र कार्तिकेय का नाम भी लिया जा रहा था।

अभी बिना पर असमंजस
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वालों में बीना विधानसभा भी शामिल है। लेकिन इस सीट से अभी तक इस्तीफा न होने के कारण फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

दो माह में होंगे चुनाव
प्रदेश की अमरवाड़ा विधानसभा सीट के बुधवार को उप चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। इसके परिणाम 13 जुलाई को घोषित होंगे। सूत्रों का कहना है कि अब विजयपुर और बुदनी विधानसभा सीटों के लिए उप चुनाव अगले दो महीनों में होने की संभावना है। इसके लिए निर्वाचन आयोग तारीखों का ऐलान जल्दी कर सकता है।

विजयपुर सीट से मंत्री रामनिवास रावत के सामने कौन?

कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत का विजयपुर से चुनाव लड़ना तय है। विजयपुर में कांग्रेस के ज्यादातर पदाधिकारी रामनिवास के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं, जिससे पार्टी को यहां नई लीडरशिप खड़ी करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस, 2023 में निर्दलीय चुनाव लड़कर तीसरे स्थान पर रहे युवा आदिवासी नेता मुकेश मल्होत्रा को टिकट देने पर विचार कर रही है। मल्होत्रा ने पहली बार निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए 44,128 (21.31%) वोट हासिल किए थे, जो दूसरे स्थान पर रहे भाजपा के बाबूलाल मेवरा से मात्र 6 हजार वोट कम थे। विजयपुर में सहरिया आदिवासी और रावत-मीणा समाज की सबसे अधिक संख्या है। पूर्व विधायक बृजराज रीछी और सबलगढ़ से विधायक रहे बैजनाथ कुशवाह के नाम भी यहां आगे चल रहे हैं। इसके लिए कांग्रेस ने 6 नेताओं की एक कमेटी बनाई है। इसमें पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, सांसद अशोक सिंह जैसे बड़े नाम हैं।

 

बीना विधायक भी देंगी इस्तीफा

निर्मला सप्रे ने भाजपा में शामिल होने के बदले बीना को जिला बनाने की मांग पार्टी के सामने रखी है। वह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं थीं। सागर जिले में कांग्रेस का परचम लहराने वाली वह एकमात्र विधायक थीं। अब उसी कांग्रेस ने निर्मला सप्रे को कांग्रेस विधायक के रूप में सदस्यता से अयोग्य ठहराने के लिए 5 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष डिस्क्वालिफिकेशन पिटीशन दायर की है। विधानसभा एक सप्ताह के भीतर उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी कर सकती है। सूत्रों के अनुसार वह पार्टी के निर्देशों का इंतजार कर रही हैं ताकि वह अपना इस्तीफा दे सकें। अगर ऐसा होता है तो बीना में भी उपचुनाव होना लगभग तय है।

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