छत्तीसगढ़ के चर्चित IPS मुकेश गुप्ता को हाईकोर्ट ने शासन की अपील स्वीकार कर ली है। चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस दीपक तिवारी की डिवीजन बेंच ने उनका प्रमोशन आदेश निरस्त करने शासन के फैसले को सही ठहराया है। इसके साथ ही कैट से उन्हें दी गई राहत के आदेश को भी निरस्त कर दिया गया है।
मुकेश गुप्ता ने शासन के आदेश के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण में केस लगाया था। कैट ने उनके पक्ष में आदेश दिया और शासन के प्रमोशन निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। राज्य शासन ने कैट के इस फैसले को अवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मुकेश गुप्ता के पक्ष में आदेश दिया और कैट के फैसले को सही ठहराया था।
प्रमोशन के लिए केंद्र सरकार से नहीं ली थी अनुमति
राज्य शासन ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच को अपील की थी। शासन का पक्ष रखते हुए उपमहाधिवक्ता जितेंद्र पाली ने बताया था कि उन्हें केंद्र सरकार के परमिशन के बिना ही प्रमोशन दिया गया था। जबकि, इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेनी चाहिए थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिस पर आज आदेश जारी करते हुए शासन की अपील को स्वीकार कर लिया है।
ये था मामला
निलंबित मुकेश गुप्ता को राज्य शासन ने पूर्व में 2018 में प्रमोशन देकर ADG से DG बना दिया था। तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव जीता। सरकार ने उनके खिलाफ हुई शिकायतों के आधार पर जांच कराई। आरोप सही पाए गए और उनके खिलाफ अलग-अलग कई आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए। इसके साथ ही साल 2019 में उनके प्रमोशन आदेश को निरस्त कर दिया गया।