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UNGA में यूक्रेन के PM और अपने रूसी समकक्ष से मिले एस. जयशंकर, की युद्ध समाप्त करने की अपील

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भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मीहल और अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की. यूक्रेन के पीएम से अपनी बातचीत के बारे में मीडिया को बताते हुए एस. जयशंकर ने कहा, ‘युद्ध को लेकर चिंता जाहिर की गई. उन्होंने मुझे यूक्रेन के बारे में अपनी धारणाओं और चिंताओं से अवगत कराया. मैंने इस संदर्भ में, भारत की स्थिति पर चर्चा की. उन्होंने सराहना की कि हम युद्ध जारी रखने के खिलाफ हैं और बातचीत व कूटनीति के जरिए विवाद को हल करने के पक्षधर हैं.’

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से अपनी बातचीत के बारे में जयशंकर  ने कहा, ‘हमने भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की. संयुक्त राष्ट्र सुधारों और यूक्रेन से जुड़े मुद्दों पर बात की. उन्होंने मुझे रूसी परिप्रेक्ष्य से घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी. G20 पर चर्चा हुई, क्योंकि यह आगामी कुछ महीनों में आयोजित होने जा रहा है.’ गत दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सीट की मांग के प्रति गंभीर चर्चा छेड़ने में सफल रहने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को दुनिया की इस सबसे बड़ी पंचायत में दो टूक कहा कि चालबाजी से यूएनएससी व दूसरे बहुदेशीय एजेंसियों में सुधार को नहीं रोका जा सकता.

भारत बड़े दायित्व को निभाने को तैयार है: एस. जयशंकर
संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री ने अपने अपेक्षाकृत संक्षिप्त भाषण में साफ तौर पर कहा कि भारत बड़े दायित्व को निभाने को तैयार है. उन्होंने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए चीन को आड़े हाथों लिया कि वह आतंकियों पर नकेल कसने की यूएन में चल रही कोशिशों की राह में रोड़े अटका रहा है. यह भी उल्लेखनीय तथ्य है कि विदेश मंत्री के पूरे भाषण में पाकिस्तान का कोई जिक्र नहीं आया. जयशंकर ने यूक्रेन संकट की वजह से दुनिया के समक्ष पैदा ऊर्जा व खाद्य संकट और इसका सबसे ज्यादा विकासशील व अविकसित देशों पर होने वाले प्रभावों के प्रति भी दुनिया को चेताया. उन्होंने यह भी बताया कि भारत इस समस्या के समाधान में कैसे मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत शांति का पक्षधर है. हम बातचीत और कूटनीति को विवादों के हल का एकमात्र रास्ता मानते हैं.

भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र को संबोधित करते हुए चीन और पाकिस्तान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा है. हम आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से आतंकवाद के प्रायोजक देशों और उन्हें बचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. जयशंकर ने कहा कि भारत जी.20 और आतंकवाद से निपटने वाली कमेटी की अध्यक्षता करने जा रहा है. उन्होंने अपने 16 मिनट के अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि मैं दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के 1.30 अरब लोगों की शुभकामनाएं लेकर आया हूं. भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. यह नया भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में अपने विकास को लेकर प्रतिबद्ध है. हम भारत को विकसित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. भारत शांति के पक्ष में है और रहेगा. हम यूएन चार्टर के पक्ष में हैं. हम डायलॉग और डिप्लोमेसी से इसे हल करने के पक्ष में हैं.

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