अगले महीने 1 अक्टूबर 2022 से बैंक से लेकर रोजमर्रा से जुड़े कई नियमों में कई तरह के बदलाव होने जा रहे हैं. वही सितंबर के महीने को खत्म होने में 5-6 दिन अभी समय बाकि है. हालाँकि इन बदलावों का असर अमीर और गरीब दोनों पर ही पड़ने वाला हैं. अगले महीने जिन नियमों में बदल किया गया हैं, उनमें डेबिट और क्रेडिट कार्ड भी शामिल हैं. इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने डेडलाइन भी जारी कर दी है. इसके अलावा और कई अन्य विभागों द्वारा भी नियमों में बदलाव किए जाएंगे.
कार्ड टोकनाइजेशन में बदलाव
आपको बता दे कि 1 अक्टूबर 2022 से RBI का कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन (CoF Card Tokenisation) नियम बदलने वाला है. इस बारे में RBI ने कहा हैं कि टोकनाइजेशन सिस्टम में बदलाव आने के बाद कार्डहोल्डर्स के पेमेंट करने के अनुभव में सुधार होगा, साथ डेबिट कार्ड (Debit Card) व क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के ट्रांजेक्शन पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित हो जाएंगे. आरबीआई की मानें तो ग्राहक डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन, पॉइंट ऑफ सेल (POS) या ऐप पर ट्रांजैक्शन करेंगे, तो सभी डिटेल इनक्रिप्टेड कोड में सेव हो जाएगी.
आपकी डिटेल सर्वर पर सेव
अभी तक जब हम किसी पीओएस, ऑनलाइन या ऐप पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन करते हैं, तो उसकी डिटेल कंपनी के सर्वर में सेव होती है. लेकिन जब भी आप दोबारा ऑनलाइन या ऐप पर पेमेंट करने चलते हैं, तो कंपनी आपसे पूरी डिटेल नहीं मांगती. वहां आपका खाता नंबर, कार्ड नंबर आदि पहले से मौजूद रहता है. बस आपको दोबारा सीवीवी दर्ज करके अपना पेमेंट हो जाता है. 1 अक्टूबर से ऐसा नहीं होगा क्योंकि कंपनी के सर्वर में कोई डेटा स्टोर नहीं रहेगा. कार्ड से जुड़ी हर जानकारी उन्हें एनक्रिप्टेड कोड में मिलेगी जिसे पढ़ा नहीं जा सकेगा.
ये हैं नए नियम
भारतीय रिजर्व बैंक ने पेमेंट कंपनियों को ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का डेटा स्टोर करने से मना कर दिया है. पेमेंट कंपनियों को अब कार्ड के बदले एक वैकल्पिक कोड दिया जाएगा, जिसे टोकन (Token) नाम दिया है. ये टोकन यूनिक होंगे और कई कार्ड्स के लिए एक ही टोकन से काम चल जाएगा. यह लागू हो जाने के बाद ऑनलाइन पेमेंट के लिए सीधे कार्ड का इस्तेमाल न कर, यूनिक टोकन यूज करना होगा.