छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का बेमेतरा जिला इन दोनों पीने की पानी की समस्या से जूझ रहा है. लोग एक-एक बूंद पानी को तरस रहे हैं. लेकिन, उसके बाद भी किसान नदी से पानी चोरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. जल संसाधन विभाग ने इसको लेकर बड़ी कार्रवाई की है. जिले के 425 ग्राम पंचायत के साथ जिला मुख्यालय को पीने का पानी जीवनदायनी शिवनाथ नदी (Shivnath River) से मिलती है. लेकिन यह नदी पूरी तरह से अब सूख चुकी है. 18 मार्च से जिले के कई ग्राम पंचायत को जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध मीठे पीने का पानी नहीं मिल रहा है. लेकिन, जो किसान आज भी पंप से नदी का पानी खिंच रहे थे, उन्हें जब्त कर लिया गया है.
धान की खेती बनी समस्या
राज्य सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 3100 रुपये किए जाने के बाद से लगातार धान का रकबा बढ़ा है. गर्मियों में भी इस बार रकबा बढ़ गया है, जिसके चलते पानी की समस्या गंभीर हो गई है. दरअसल, इस नदी में ट्यूबवेल डालकर पानी खींच रहे हैं, तो बचा हुआ पानी भी अब खेतों की ओर जा रहा है. जिला प्रशासन के अपील के बाद भी लोग बड़ी संख्या में नदी के किनारे पानी को पावर पंप लगाकर खींच रहे हैं. इसको लेकर जल संसाधन विभाग ने कार्रवाई की है.
पुलिस बल भी तैनात
जिले में जल संसाधन विभाग ने कार्रवाई करते हुए 24 पंपों को जब्त किया है. विभाग के अधिकारी जब कार्रवाई करने के लिए गांव के अंतिम छोर में बने नदी पर पहुंचते हैं, तो वहां कई बार अधिकारियों से बहस करने लगते हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अधिकारी पुलिस बल के साथ नदी पर पहुंचकर कार्रवाई कर रहे हैं.