नईदिल्ली
भारत में इस वक्त नीट परीक्षा को लेकर बवाल मचा हुआ है। कुछ छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने को लेकर शुरू हुए इस विवाद में एनटीए द्वारा आयोजित इस परीक्षा में धांधली के आरोप लगे। इसी बीच एनटीए ने ग्रेस मार्क्स को रद्द कर दिया। नीट परीक्षा में शामिल होने वाले 1563 बच्चों को ग्रेस मार्क्स (क्षतिपूर्ति)अंक दिए गए थे।
इन सब के बीच एनटीए चेयरमैन भी सुर्खियों में हैं। एनटीए के अध्यक्ष पर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। साथ ही साथ उनके शिक्षा से लेकर कार्यशैली पर भी लोगों ने प्रश्न चिन्ह लगाए। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एनटीए के अध्यक्ष कौन हैं। साथ ही साथ उनकी शिक्षा और करियर से जुड़ी तमाम जानकारी हम आपके लिए लेकर आए हैं।
कौन हैं NTA के चेयरमैन?
प्रो. प्रदीप जोशी हैं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए के चेयरमैन हैं। उन्होंने बतौर एनटीए अध्यक्ष अगस्त 2023 में कार्यभार संभाला था। प्रो. प्रदीप जोशी को शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से अगस्त 2023 में एनटीए का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। बता दें, एनटीए के चेयरमैन का कार्यकाल 3 साल का होता है। इस हिसाब से प्रो. जोशी अगस्त 2026 तक इस पद पर रहेंगे।
प्रो. जोशी रह चुके हैं यूपीएससी के भी अध्यक्ष
एनटीए के अध्यक्ष का पदभार संभालने से पहले प्रदीप जोशी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा वो छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग और मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके करियर ग्राफ को देखें तो प्रो. जोशी काफी प्रशासनिक अनुभव वाले व्यक्ति हैं।
प्रो. प्रदीप जोशी उत्तराखंड के मूल निवासी हैं
प्रोफेसर प्रदीप जोशी मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा के निवासी हैं। हालांकि, उनकी पढ़ाई-लिखाई उत्तर प्रदेश के कानपुर से हुई है। प्रो. जोशी के पिता बैंक में कार्यरत थे। जोशी ने साल 1977 में कानपुर विश्वविद्यालय से एसोसिएटेड डीएवी कालेज से कॉमर्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। साल 1981 में उन्होंने इसी कॉलेज से पीएचडी भी किया है।
शिक्षक के रूप में की थी करियर की शुरुआत
प्रोफेसर जोशी ने बतौर शिक्षक अपने करियर की शुरूआत की थी। लंबे वक्त तक वो बरेली कॉलेज के वाणिज्य विभाग में कार्यरत रहे। साल 1997 के दौरान वो रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट विभाग के डीन भी रह चुके हैं।
साल 2000 से 2006 के दौरान उन्होंने रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी जबलपुर बिजनेस एडमिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के चेयरमैन का पद संभाला। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के पद पर भी कार्य किया।
साल 2015 से 2020 तक प्रो. जोशी संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे। साल 2023 के अगस्त में उन्हें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का चेयरमैन नियुक्त किया गया। एनटीए देश भर में होने वाली सभी प्रमुख परीक्षाओं का आयोजन कराती है। देश की तमाम शिक्षण संस्थाओं व फेलोशिप में दाखिले के लिए जांच परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी इस एजेंसी के जिम्मे है।
NTA कैसे संचालित होता है, कैसे चुने जाते हैं अध्यक्ष
नीट यूजी 2024 रिजल्ट को लेकर उठे विवाद के बीच एनटीए इन दिनों चर्चा में है. इस विवाद के कारण इस संस्था की विश्वसनीयता पर संकट दिखाई दे रहा है. 1500 से ज्यादा अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स देने के कारण अब एनटीए को इन कैंडिडेट्स के लिए दोबारा से परीक्षा आयोजित करनी पड़ रही है. इसके लिए 23 जून की तारीख तय है और 30 जून को नतीजे घोषित किए जाएंगे. वहीं देश भर में NEET UG पेपर लीक होने के आरोप भी एनटीए पर लग रहे हैं. इन विवादों के बीच आइए जानने एनटीए है क्या और किन-किन परीक्षाओं का आयोजन करता है.
एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की स्थापना देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में एडमिशन/फेलोशिप के लिए प्रवेश परीक्षाएं कराने के लिए किया गया है. यह एक विशेषज्ञता प्राप्त स्वायत्त संस्था है, जिसकी स्थापना भारतीय संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत की गई है. इसका उद्देश्य केवल प्रवेश ही नहीं, भर्ती के लिए भी उम्मीदवारों की योग्यता का आकलन करने के लिए पारदर्शी, कुशल और अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर जांच करना है.
ये जिम्मा भी एनटीए के पास
इसके अलावा एनटीए के पास एजुकेशनल, प्रोफेशनल और टेस्टिंग सिस्टम पर रिसर्च करने का जिम्मा भी है, जिसके जरिए नॉलेज सिस्टम में आने वाले अंतराल का पता लगाया जा सके और उनके बीच की दूरी को खत्म किया जा सके. परीक्षाओं के लिए प्रश्न तैयार करने के लिए यह विशेषज्ञों और संस्थाओं की पहचान करती है. साथ ही साथ यह एजुकेशन और प्रोफेशनल डेवलपमेंट पर रिसर्च और सूचनाओं की जानकारी देती है.
ऑनलाइन होती हैं NTA की परीक्षाएं
एनटीए सभी टेस्ट ऑनलाइन मोड में आयोजित करता है. इसलिए इसे ऐसे विद्यालयों और विश्वविद्यालयों का चुनाव करना होता है, जहां पर सभी तरह की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों. साथ ही यह भी देखना होता है कि परीक्षा के आयोजन से इन विद्यालयों और विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक दिनचर्या पर कोई प्रभाव न पड़े. एनटीए के पास इस बात का भी जिम्मा है कि वह देश के शिक्षा संस्थानों में समय-समय पर ट्रेनिंग और सलाह दे.
यह भी है एनटीए का काम
एनटीओ को एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विसेज जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ मिलकर काम करना होता है. अलग-अलग मंत्रालयों या केंद्र सरकार के विभागों और राज्य सरकारों द्वारा किसी परीक्षा के आयोजन का जिम्मा सौंपे जाने पर उसका संचालन करना होता है. स्कूलों, बोर्ड और दूसरे अन्य निकायों में ट्रेनिंग के साथ-साथ सुधार को सुनिश्चित करना और एडमिशन टेस्ट संबंधी मानकों की समय-समय पर जांच करना भी इसी का दायित्व है.
कैसे होता है एनटीए का संचालन?
एनटीए का प्रशासन एक गवर्निंग बॉडी के जरिए संचालित होता है, जिसमें एक चेयरपर्सन और एक मेंबर सेक्रेटरी (महानिदेशक) और 8 सदस्य होते हैं. एनटीए चेयरपर्सन की नियुक्ति मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से की जाती है, जो आमतौर पर जाने-माने शिक्षाविद होते हैं. वर्तमान में एनटीए के चेयरपर्सन यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन रिटायर प्रोफेसर प्रदीप कुमार जोशी हैं. आईएएस सुबोध कुमार सिंह इसके महानिदेशक यानी सीईओ हैं. इनकी नियुक्ति भी केंद्र सरकार करती है. बोर्ड ऑफ गवर्नर में टेस्ट आयोजित कराने वाले संस्थानों के सदस्य शामिल होते हैं.
किन परीक्षाओं का आयोजन करता है NTA?
एनटीए की ओर से वर्तमान में CUET, JEE (Main), NEET UG, CMAT, GPAT के अलावा यूजीसी नेट के फेलोशिप के लिए असेसमेंट का आयोजन भी किया जाता है. इससे पहले इन परीक्षाओं का आयोजन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) जैसी संस्थाओं के जरिए किया जाता था. एनटीए के जिम्मा संभालने के बाद से इन संस्थाओं पर से परीक्षा आयोजित कराने का बोझ कम हो गया है.
ग्रामीण स्तर पर एनटीए की पहुंच
एनटीए की ओर से साल में दो बार टेस्ट का आयोजन ऑनलाइन कराया जाता है. इससे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एडमिशन के अवसर बढ़ जाते हैं. यही नहीं, एनटीए अब देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंच बना रहा है. इसके लिए जिला और प्रखंड स्तर पर अपने केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं.
कैसे मिलती है एनटीए में नौकरी?
एनटीए में नौकरी के लिए समय-समय पर जरूरत के हिसाब से भर्ती की जाती है. विभिन्न संचार माध्यमों के अलावा एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट ntarecruitment.ntaonline.in पर इसकी सूचना दी जाती है. पद के हिसाब से उम्मीदवारों के लिए योग्यता और आयु सीमा अलग-अलग हो सकती है. आवेदन करने वालों की योग्यता और अनुभव के आधार पर चयन किया जाता है.
कैसे होती है एनटीए की कमाई?
एनटीए की आय का मुख्य जरिया परीक्षाएं ही हैं. एनटीए हर एडमिशन टेस्ट के लिए फीस लेता है, जिससे उसकी कमाई होती है. उदाहरण के लिए NEET UG में शामिल होने के लिए सामान्य वर्ग के हर अभ्यर्थी को 1700 रुपए चुकाने होते हैं. इसके अलावा नीट और जेईई की आंसर की ऑब्जेक्शन फीस भी ली जाती है, जिससे राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की कमाई होती है.
एनटीए आने के बाद क्या हुआ बदलाव?
देश के अलग-अलग राज्यों और केंद्रीय चिकित्सा और इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए पहले अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं कराई जाती थी. केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षा कराने का जिम्मा सीबीएसई के पास था, तो राज्य स्तर पर पीएमटी का आयोजन किया जाता था.
ऐसे ही इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए भी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग परीक्षाएं होती थी. अभ्यर्थियों को ढेरों परीक्षाओं के बोझ से बचाने और एकीकृत प्रणाली में लाने के लिए एनटीए की शुरुआत की गई थी. खास बात यह है कि एनटीए की शुरुआत से लेकर अब तक कोई बड़ा विवाद इसके साथ नहीं जुड़ा था. इस साल पहली बार NEET UG के नतीजों को लेकर एनटीए विवादों में आया है.