केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि देश में लॉजिस्टिक लागत (Logistics Cost) चीन, अमेरिका और यूरोपीय देशों से ज्यादा है और इसमें कमी लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसके लिए जलमार्ग को यात्रियों और माल के परिवहन के लिए एक लोकप्रिय साधन बनाना होगा, इससे पेट्रोल और डीजल की आयात लागत कम होगी. अभी यह सालाना 16 लाख करोड़ रुपये है.
लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आने से बढ़ेंगे रोजगार
यंग इंडियंस और इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स द्वारा शुक्रवार शाम को आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, ‘‘हमारी पहली प्राथमिकता जलमार्ग, दूसरी रेलवे, तीसरी सड़क और अंतिम हवाई मार्ग है. लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आने से देश में रोजगार सृजन में मदद मिलेगी.’’
भारत में लॉजिस्टिक्स लागत जीडीपी की 16 फीसदी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में लॉजिस्टिक्स लागत जीडीपी की 16 फीसदी है और यह बहुत ज्यादा है. चीन में यह 10 फीसदी और अमेरिका और यूरोप में 8 फीसदी है. उन्होंने कहा, ‘‘रेल और सड़क परिवहन को जलमार्ग से जोड़ने की जरूरत है.’’
बायो-डीजल, बायो-सीएनजी जैसे टिकाऊ ईंधन के इस्तेमाल पर जोर
गडकरी ने कहा कि बायो-डीजल, बायो-सीएनजी जैसे टिकाऊ ईंधन का अधिक इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने गन्ने और बांस की अधिक खेती पर जोर दिया जिससे कि एथनॉल और बायो-एथनॉल जैसे सस्ते ईंधन का उत्पादन हो सके. उन्होंने कहा कि इससे प्रदूषण की भी रोकथाम होगी.