रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान (India’s GDP Growth Estimate) को 7.8 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है. इसका मतलब है कि फिच रेटिंग्स ने अपने पहले के अनुमान में 0.8 अंकों की कमी की है. यही नहीं, फिच ने अगले वित्त वर्ष के ग्रोथ अनुमान में भी कटौती की है. रेटिंग एजेंसी का कहना है वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.7 फीसदी रहेगी. जून 2022 में फिच ने इसके 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.
फिच के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रेन कूलटोन का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को कुछ हालिया घटनाओं ने गंभीर झटका दिया है. यूरोप में गैस संकट है तो कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है, जिससे अलग तरह के संकट खड़े हो गए हैं. इसी तरह, चीन का प्रॉपर्टी संकट भी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर डाल रहा है. ब्रेन का कहना है कि यूरोजोन की अर्थव्यवस्था को प्राकृतिक गैस की कमी बहुत ज्यादा प्रभावित कर रही है
अमेरिका में आ सकती है मंदी
फिच ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास दर अनुमान में कटौती कर दी है. एजेंसी का कहना है कि वित्त वर्ष 23 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 2.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी. रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि 2023 में यह 1.7 फीसदी तक रह सकती है. रेटिंग एजेंसी का कहना है कि वित्त वर्ष 2023 के मध्य में अमेरिका को हल्की मंदी का सामना करना पड़ेगा. वहीं, ब्रिटेन और यूरोजन इस साल मंदी की चपेट में आएंगे.
चीन की विकास दर 2.8 फीसदी रहने का अनुमान
फिच के अनुसार, अमेरिका की आर्थिक विकास दर 2022 में 1.7 फीसदी रही है और 2023 में यह दर 0.5 प्रतिशत रह सकती है. चीन की अर्थव्यवस्था के पटरी के लौटने में कोविड-19 और लंबे समय से चल रहा प्रॉपर्टी संकट बहुत बड़ी बाधा है. रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में चीन की आर्थिक विकास दर 2.8 फीसदी रह सकती है. वहीं, अगले साल चीन 4.5 फीसदी की दर से विकास करेगा.