केंद्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अब स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है. कंपनी की ओर से कुल 41 लाख 35 हजार 791 स्मार्ट मीटर लगाने की मंजूरी मिली है. इसके तहत स्मार्ट मीटरों से कृषि श्रेणी के अलावा समस्त उपभोक्ताओं के मीटर बदले जाने हैं.
स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट के पार्ट-1 में कुल 9 लाख 77 हजार 48 बिजली-उपभोक्ताओं , 9 हजार 477 बिजली उपकेन्द्र, फीडरों और 1 लाख 55 हजार 515 वितरण ट्रांसफार्मरों पर स्मार्ट मीटर स्थापित किए जाने हैं. बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर स्थापना का यह कार्य प्रमुख रूप से भोपाल, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम, ग्वालियर, दतिया, भिण्ड, मुरैना, गुना और शिवपुरी जिलों में किया जाना है.
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत भोपाल (शहर) सर्किल से की जा रही है, जहां पर कुल 2 लाख 8 हजार 128 स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं. एएमआईपीएस की तरफ से 13 अक्टूबर 2024 तक कम से कम 57 हजार 102 स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं. इसके बाद हर माह कम से कम 54 हजार 247 स्मार्ट मीटर लगाकर 13 जून 2026 तक 11 लाख 42 हजार 40 स्मार्ट मीटर लगाए जाना है.
स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट के तहत सर्वप्रथम 11 के.व्ही. फीडर वार कंज्यूमर-इंडेक्सिगं कार्य किया जाएगा, जिसके तहत सर्वेक्षकों द्वारा प्रत्येक वितरण-ट्रांसफार्मर और उससे जुड़े बिजली कनेक्शनों का समस्त विवरण मोबाइल-एप पर जमा किया जाएगा. सर्वे के दौरान बिजली-कनेक्शनों के जीपीएस लोकेशन के साथ-साथ मीटर और सर्विस लाइन की वस्तुस्थिति भी मौके पर जांची जाएगी. उपभोक्ता प्रतिष्ठानों में मीटर लगाने के लिए जरूरी होने पर सर्विस लाइन बदलने और मीटर शिफ्टिंग का कार्य भी किया जाएगा.
स्मार्ट मीटर के फायदे
सिक्योरिटी मनी से छूट और पहले से जमा सिक्योरिटी मनी से पहला रिचार्ज.
मौजूदा टैरिफ के अनुसार घरेलू और गैर घरेलू (व्यावसायिक) बिल में 25 पैसे प्रति यूनिट की छूट और ऊर्जा-प्रभार से जुड़े अन्य प्रभारों की घटी विद्युत दर से गणना.
हर भुगतान पर बिल राशि के 0-5 प्रतिशत (न्यूनतम 5 रुपये) की छूट. घरेलू श्रेणी में छूट की कोई अधिकतम सीमा नहीं जबकि अन्य श्रेणियों में छूट की अधिकतम सीमा 20 रुपये.
मीटर में बैलेंस खत्म होने के बाद भी अगले 3 दिन तक बगैर इलेक्ट्रिकल डिस्कनेक्शन के रिचार्ज की सुविधा.
बिजली खपत और उपयोग में लाए जा रहे विद्युत-भार (लोड) की हर 15 मिनट में अद्यतन (रियल टाइम) जानकारी मोबाइल में उपलब्ध, जिससे बिजली के किफायती उपयोग से बिजली बिल में कटौती की जा सकेगी.
बिजली खपत संबंधी बैलेंस राशि की प्रतिदिन की जानकारी मोबाइल ऐप और पोर्टल में उपलब्ध.
प्रतिमाह मीटर रीडिंग में होने वाली मानवीय त्रुटि और बिजली बिलों में सुधार के लिए बिजली- कार्यालय के बार-बार के चक्करों से छुटकारा.
बिजली लाइनों, वितरण ट्रांसफार्मर या किसी उपभोक्ता की बिजली आपूर्ति बाधित होने पर विद्युत् व्यवधान का स्वतः संज्ञान और बिजली आपूर्ति की तुरंत बहाली.
भविष्य में सोलर रूफ टॉप कनेक्शन लेने पर नये मीटर-मॉडेम खरीदने की आवश्यकता नहीं.
मध्यप्रदेश में इंदौर, जबलपुर सहित 20 से अधिक जिलों में अब तक लगभग 10 लाख स्मार्ट मीटर सफलतापूर्वक लगाए जा चुके हैं.