छत्तीसगढ़ के सबसे वरिष्ठ नेता एवं सबसे अधिक मतों से लोकसभा का चुनाव जीतने वाले रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद बृजमोहन अग्रवाल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री नहीं बनाए जाने से लोगों में मायूसी, नाराजगी व आक्रोश भी देखा गया है। बृजमोहन अग्रवाल अपर क्लास(सामान्य वर्ग ) से आते हैं।
छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में भी अपर क्लास का अब प्रतिनिधित्व नहीं रह जायेगा। ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल में बृजमोहन को स्थान मिलना निश्चित माना जा रहा था, परंतु राजनीतिक धुरी ऐसी चलती है कि लोगों का दिल टूट जाता है। बता दें कि बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ में भाजपा के एक बहुत बड़े चेहरे के रूप में जाने जाते हैं तथा जन नेता की उनकी छवि है। ऐसी स्थिति में भाजपा उन्हें मंत्री न बनाकर क्या संदेश देना चाहती है, यह समझ से परे है। बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा मतों से चुनाव जीतने वाले सांसदों में शामिल हैं। इतिहास के पन्नों को पलटते हैं तो पाते हैं कि आज तक इतनी ज्यादा मतों से कोई भी व्यक्ति छत्तीसगढ़ में सांसद का चुनाव नहीं जीता है। वर्तमान में जितने 10 लोग सांसद का चुनाव जीत कर दिल्ली पहुंचे है उनमें भी सबसे वरिष्ठ नेताओं में बृजमोहन अग्रवाल का नाम ही आता है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री भी हैं। अभी लगभग 5 लाख 75 हजार वोट से उन्होंने चुनाव जीता है। मंत्री नहीं बनाए जाने से आम लोगों में तो नाराजगी स्पष्ट रूप से सामने आ रही है, वहीं भाजपा में भी अंदरुनी रूप से कार्यकर्ताओं में नाराजगी दिखाई दे रही है। एक भाजपा कार्यकर्ता ने कहा कि पार्टी से बंधे हुए हैं उसके कारण खुलकर नाराजगी व्यक्त नहीं कर सकते पर बृजमोहन अग्रवाल को मंत्री बनाना चाहिए था। पहले तो छत्तीसगढ़ से ही किसी को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने पर नाराजगी सामने आ रही थी, किंतु बाद में भाजपा हाईकमान के बीच छत्तीसगढ़ के लोगों की नाराजगी की बोत पहुंची तब दोपहर के बाद छत्तीसगढ़ को प्रतिनिधित्व दिए जाने पर निर्णय हुआ। यदि बृजमोहन अग्रवाल को मंत्री बनाया जाता ती इसका लाभ पार्टी को तो मिलता ही साथ ही छत्तीसगढ़ की जनता को भी उनके लंबे अनुभव का लाभ मिलता।