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उज्जैन के कई बच्‍चे फंसे किर्गिस्तान में, विदेशी छात्रों के खिलाफ हो रही हिंसा, PM Modi से लगाई बचाने की गुहार

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उज्जैन
 मिडि‍ल एशियाई देश किर्गिस्तान में मेडिकल एजुकेशन प्राप्‍त करने गए बच्‍चों में उज्जैन के 10 विद्यार्थी भी शामिल हैं, जो वहां विदेशि‍यों के ख‍िलाफ हो रही हिंसा और हमलों  से डरे हुए हैं।

ये सभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उन्‍हें सुरक्ष‍ित भारत लाने की गुहार लगा रहे हैं। बच्चे अपने मां-बाप को वीडियो कॉल कर वहां के हालात से अवगत करा रहे हैं।

इधर, जानकारी मिलने पर सोमवार को जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा ने वहां फंसे दो छात्रों से बात की। इस दौरान छात्रों ने बताया कि वे वहां पर सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और फिलहाल विश्वविद्यालय के कैम्पस में ही हैं, लेकिन अब वापस घर आना चाहते हैं। वहीं, भारतीय दूतावास ने छात्रों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।
उज्जैन के ये छात्र-छात्राएं फंंसे

किर्गिस्तान में फ्रीगंज निवासी रिया टाटावत, इंदिरा नगर निवासी योगेश चौधरी, राज सोलंकी, जयसिंह पुरा के प्रवीण प्रजापति, शिवधाम कॉलोनी निवासी रवि सराठे, नारायणा गांव के विवेक शर्मा, महिदपुर के लाखाखेड़ी गांव के रोहित पांचाल, बाढ़कुम्मेद के अनुराग पाटीदार के फंसे होने की जानकारी सामने आई है।

किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक के हॉस्टल में रह रहे योगेश चौधरी के पिता डा. चैन सिंह चौधरी ने अपने बेटे से हुई बातचीत के आधार पर कि वहां इजिप्ट की एक छात्रा के साथ स्थानीय व्यक्ति ने छेड़छाड़ कर दी थी और जवाब में कुछ विद्यार्थियों ने छेड़छाड़ करने वाले युवक की पि‍टाई कर दी थी। इस पर वहां के स्थानीय रहवासियों ने सभी बाहरी विद्यार्थियों के साथ मारपीट करना और उनके फ्लैट पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। चैन सिंह ने बताया कि उनका बेटा उज्जैन के छह साथियों के साथ अभी काॅलेज कैम्पस में सुरक्षित है।

महेश पाटीदार के पुत्र अनुराग ने फोन पर नई दुनिया को बताया कि वह बिश्केक में एक फ्लैट में है। बाहर हालात ठीक नहीं है। वह एमबीबीएस फाइनल ईयर का छात्र है। 24 मई को उसका आखिरी पेपर है और इसके बाद 30 मई को कजाकिस्तान अलमाटी से उसका रिटर्न टिकट है।

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