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रजिस्ट्री कार्यालय दुर्ग में खुलेआम होता है रिश्वतखोरी का खेल,नहीं है ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा 

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कब मिलेगी इन रिश्वतखोरों से छुटकारा ?
दुर्ग। प्रधानमंत्री मोदीजी देश से भ्रष्टाचार समाप्त करने सभी एजेंसियों को झोंक दिये हैं वहीं दुर्ग जिले के पंजीयन कार्यालय में खुलेआम रिश्वत लेने की प्रथा अनवरत जारी है, रजिस्ट्रीकर्ता लगातार रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचारियों के शिकार होने मजबूर हो रहे हैं। 
    जहां भाजपा की पदेन सरकार भूमि के पंजीयन शुल्क में बेतहाशा वृध्दि कर भूमि क्रेताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिये हैं वहीं रजिस्ट्री शुल्क के अलावा कर्मचारियों और अधिकारियों का रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार से लोग परेशान हैं। 

 पूर्ववत सरकार ने प्रदेश की आय में वृद्धि करने पंजीयन शुल्क में कमी लाकर भूमि क्रेताओं को राहत दी थी, वहीं सत्ता संभालते ही भाजपा सरकार ने इस छूट को समाप्त कर राजस्व में वृद्धि करने का रास्ता ढ़ूढ लिया है। इस वृध्दि का असर निचले और मध्यम आय वर्ग के लोगों पर पड़ता साफ नजर आने लगा है। जहां रजिस्ट्री की संख्या प्रतिदिन सैकड़ों में थी जो घटकर 20-25 में हो गई है।
होली के पूर्व भिलाई के एक व्यवसायी ने अपने प्रतिष्ठान के नामांकन हेतु पंजीयन कार्यालय में सम्पर्क किया तो उससे एक बड़ी राशि की मांग पंजीयक की सहायिका ने कर दी और लेते हुए विडियो में कैद भी हो गई। जब इस विषय में जिला पंजीयक पुष्पलता धूर्वे से पूछने की कोशिश की गई तो वह बात करना भी उचित नहीं समझा।
    पंजीयन कार्यालय में लगातार इस तरह भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है और जिला एवं पंजीयन विभाग व्दारा कार्यवाही नहीं किया जाना संदेह को जन्म देता है।

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