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दुर्ग पुलिस द्वारा छ०ग० के इतिहास में सबसे बड़ी कार्यवाही एक करोड़ साठ लाख की नशीली दवाओं का जखीरा बरामद 

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राजस्थान के तीन शहरों से भारी मात्रा में अवैध दवाऐं जप्त

दुर्ग जिला के वैभव खण्डेलवाल एवं आकांक्षा खण्डेलवाल द्वारा इण्डिया मार्ट के साईट में जाकर एक फर्जी कम्पनी वैभव फार्मसिटीकल बनाया गया था। जिनके द्वारा राजस्थान के अंकुश पालीवाल से प्रतिबंधित नशीली दवाईयों मंगाकर ऑनलाईन कम्पनी इण्डिया मार्ट में वाइरस मेडिकोस के नाम से पूरे देश में अवैध रूप से नशीली दवाईयों सप्लाई किया जाता था। जबकि उसके बहन आकांक्षा खण्डेलवाल के द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में रिटेल में बेंचा जाता था। जिसे दुर्ग पुलिस द्वारा पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसी सप्लाई कम में जब उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा यह बताया गया कि डार्क वेब का उपयोग कर उनको पता चला कि किस प्रकार से फर्जी कम्पनी बनाकर अवैध रूप से नशीली दवाईयों का व्यापार कर पैसा कमाया जा सकता है तब उनके द्वारा अंकुश पालीवाल से सम्पर्क कर अवैध रूप से प्रतिबंधित नशीली दवाईयों ऑनलाईन प्राप्त कर अवैध रूप से बिक्री की जा रही थी। जिन्हें पूर्व में अपराध कमांक 520/2023 धारा 8, 22ग, 27क नारकोटिक एक्ट में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसी विवेचना कम में आरोपी वैभव खण्डेलवाल के नशीली दवाइयां सप्लाई किया जाता था। जबकि उसके बहन आकांक्षा खण्डेलवाल के द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में रिटेल में बेचा जाता था। जिसे दुर्ग पुलिस द्वारा पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उनके द्वारा अंकुश पालीवाल से सम्पर्क कर अवैध रूप से प्रतिबंधित नशीली दवाईयों ऑनलाईन प्राप्त कर अवैध रूप से बिकी की जा रही थी। जिन्हें पूर्व में अपराध कमांक 520/2023 धारा 8. 22ग, 27क नारकोटिक एक्ट में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसी विवेचना कम में आरोपी वैभव खण्डेलवाल के मेमोरण्डम में राजस्थान के बुंदी जिले के बायो लेब रेमेडिस से इण्डिया मार्ट के माध्यम से फर्जी दस्तावेज के सहारे प्रतिबंधित नशीली दवाईयां को बेंच रहा था। उक्त अपराध में अग्रिम विवेचना एवं धरपकड़ के लिये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा तत्काल एक विशेष टीम गठित कर नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री मणि शंकर चंद्रा के नेतृत्व में राजस्थान बुदी जिले रवाना किया गया। जहां पर बायोलेब रेमेडिस के संचालक अंकुश पालीवाल को विधिवत गिरफ्तार कर पूछताछ की गई जिसमें उनके द्वारा यह स्वीकार किया गया कि उसके द्वारा अवैध रूप से बने कंपनियों को प्रतिबंधित दवाईयो की सप्लाई किया जा रहा था साथ ही उनके द्वारा प्रतिबंधित दवाई जिनके निशानदेही पर दुर्ग पुलिस द्वारा राजस्थान के कोटा, बुन्दी और जयपुर में जाकर छोपेमारी की कार्यवाही की गई, कुल 1,60,44,000रु (एक करोड़ साठ लाख चवालीस हजार रूपये) से भी अधिक की नशीली टेबलेट एवं सिरप बरामद किया गया।

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