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लोकसभा में देश के 150 वर्ष पुराने कानूनों में बदलाव के बिल पर लगा मुहर,अब राज्यसभा में इंतजार

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गृहमंत्री अमित शाह ने तीनों कानून में संशोधन को आवश्यक कहा

नई दिल्ली। अंग्रेजों के 150 वर्ष पूर्व 1872 में बनाये कानून crpc और ipc की धाराओं में भाजपा की मोदी सरकार बदलाव करने लोकसभा में मुहर लगा चुकी है। लगभग 1.5 दशक पुराने तीन कानून को बदलकर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य विधेयक (2023) को आज पारित कर अंग्रेजों के बनाये तीन कानून को बदलें जायेंगे। जिसमें 1872 में बने इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक (2023) ,crpc की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, इंडियन पेनल कोर्ट अब भारतीय न्याय संहिता 2023 के अन्तर्गत होंगे। इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य संहिता होगी। पुराने राजद्रोह कानून को खत्म कर देशद्रोह का कानून बनाया जा रहा है।
 गृहमंत्री अमित शाह ने कानून बदलने के विषय में प्रकाश डालते हुए लोकसभा में कहा कि नया कानून बनाने के साधन राजद्रोह नहीं अब देशद्रोह माना जायेगा। राज्य शासन या भारत नहीं किसी राज्य सरकार के विषय में कोई कुछ बोलता था तो उस पर राजद्रोह का कानून लगता था,हमने व्यक्ति की जगह देश को रखा है।यह लोकतंत्र का सबसे अच्छा लक्षण है।और देश को नुक्सान पहुंचाने वालो को कभी छोड़ना या बख्शना नहीं चाहिए। राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने का काम यह कानून करेगा। कानून में संशोधन से नाबालिक से रेप के मामले में मौत की सजा का प्रावधान है। प्रायः देखा गया है कि गैंग रेप के मामलों में हैवान आसानी से बचने में सफल होते थे,जिसमें अब 20 वर्ष या आजीवन सजा दी जायेगी। मॉब लांचिंग में भी 20 वर्ष आजीवन से लेकर मौत की सजा को शामिल किया गया है।
  राज्यसभा में इस कानून में बदलाव के (बिल)प्रस्ताव को पेश किया जाएगा। यदि इन कानूनों में बदलाव के प्रस्ताव को पारित कर दिया जाता है तो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में देश के कानून व्यवस्था में सुधार लाने की एक और उपलब्धि होगी।

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