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इजरायल को बचाने के लिए पहुंचा अमेरिका तो चीन ने चल दी चाल, 520 बार उड़ाए जेट, ट्रंप-जिनपिंग में शह और मात का खेल

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मिडिल ईस्ट में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ रहा है और इसका फायदा चीन उठाने में लगा है. प्रशांत महासागर में चीन ने अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है. अमेरिका ने अपना एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज साउथ चाइना सी से निकालकर मिडिल ईस्ट की ओर भेजा है. लेकिन इससे पहले ही चीन ने अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर्स लियाओनिंग और शांडोंग को प्रशांत महासागर में उतार दिया. जापान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन दोनों कैरियर्स से पिछले एक हफ्ते में 520 बार फाइटर जेट्स और हेलिकॉप्टर्स ने उड़ान भरी और लैंडिंग की.
जापान ने 9 जून को पहली बार पुष्टि की कि चीन के दो एयरक्राफ्ट कैरियर्स एक साथ प्रशांत महासागर में ऑपरेट कर रहे हैं. लियाओनिंग से 8 जून से सोमवार तक 290 उड़ानें और लैंडिंग देखी गईं, जो टोक्यो से 1,250 किमी दूर इवोटो द्वीप के पास से दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ रहा था. वहीं, शांडोंग से 9 जून से सोमवार तक 230 उड़ानें और लैंडिंग हुईं, जो ओकिनोटोरी द्वीप के आसपास के समुद्र में था, जो टोक्यो से 1,700 किमी दक्षिण में है. जापान का कहना है कि चीन इन गतिविधियों से अपनी दूर-दराज के समुद्रों में ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है. एक जापानी अधिकारी ने कहा, ‘चीन अपनी नौसेना की ताकत को बढ़ाने की कोशिश में है.’
जापान-चीन में तनाव
चीन की हरकतों से जापान भी सतर्क है. 7 और 8 जून को शांडोंग से उड़ा एक जे-15 फाइटर जेट जापानी सेना के गश्ती विमान के इतने करीब पहुंच गया कि जापान ने इसे खतरनाक बताया. इसके खिलाफ जापान ने चीन से शिकायत भी की. इसके अलावा, लियाओनिंग ने एक बड़ा रिकॉर्ड बनाया. यह पहला चीनी कैरियर है, जो दूसरी द्वीप शृंखला (जापान के इजु द्वीपों से गुआम तक) से आगे निकल गया. यह शृंखला जापान, ताइवान और फिलीपींस को जोड़ने वाली पहली द्वीप शृंखला से भी आगे है. इसका मतलब है कि चीन अब प्रशांत महासागर में पहले से कहीं ज्यादा गहराई तक अपनी ताकत दिखा रहा है.
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चीन की बढ़ेगी आक्रामकता
जब अमेरिका मिडिल ईस्ट में ईरान के खिलाफ अपनी ताकत जमा रहा है, तब चीन का यह कदम साफ बताता है कि वह भी पीछे नहीं रहना चाहता. अमेरिका का निमित्ज मिडिल ईस्ट में इजरायल-ईरान युद्ध में शामिल होने की तैयारी कर रहा है, और दूसरी ओर चीन अपने कैरियर्स के जरिए पैसिफिक में अपनी बादशाहत दिखा रहा है. अब जब अमेरिका का एयरक्राफ्ट कैरियर साउथ चाइना सागर को छोड़ चुका है तब चीन और भी ज्यादा आक्रामकता दिखा सकता है.

जब अमेरिका मिडिल ईस्ट में ईरान के खिलाफ अपनी ताकत जमा रहा है, तब चीन का यह कदम साफ बताता है कि वह भी पीछे नहीं रहना चाहता. अमेरिका का निमित्ज मिडिल ईस्ट में इजरायल-ईरान युद्ध में शामिल होने की तैयारी कर रहा है, और दूसरी ओर चीन अपने कैरियर्स के जरिए पैसिफिक में अपनी बादशाहत दिखा रहा है. अब जब अमेरिका का एयरक्राफ्ट कैरियर साउथ चाइना सागर को छोड़ चुका है तब चीन और भी ज्यादा आक्रामकता दिखा सकता है.