साल 2024 में आर्मी पर दो हमले किए गए थे. इन हमलों में सेना के कुछ जवान शहीद भी हुए थे. जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर सैफुल्लाह को इसका मास्टरमाइंड बताया गया था. कुछ दिनों पहले इंडियन आर्मी और स्थानीय पुलिस को चार आतंकवादियों के भारतीय सीमा में घुसने की सूचना मिली थी. इसके बाद से ही इनकी तलाश की जा रही थी. हालांकि, इसमें कुछ खास सफलता नहीं मिल रही थी. तब जम्मू-कश्मीर पुलिस के मन में एक आइडिया आया और इन आतंकियों का सुराग देने वालों को इनाम देने की घोषाणा कर दी. पुलिस का यह ट्रिक काम आया और आखिरकार आतंकियों के अड्डे का पता चल गया. सैफुल्लाह समेत अन्य आतंकवादियों के किश्तवाड़ जिले के छत्रू जंगल में छिपे होने की सूचना मिली थी. इसके बाद आर्मी ने पुलिस के साथ मिलकर ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन चलाया और कुख्यात आतंकी सैफुल्लाह को उसके दो अन्य साथियों के साथ ढेर कर दिया गया. एक आतंकवादी अभी भी फ्री घूम रहा है.
जैश कमांडर सैफुल्लाह को मार गिराना बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. सैफुल्लाह भारत में तबाही मचाने का इरादा रखता था. पुलिस ने सैफुल्लाह समेत सभी चारों आतंकियों पर इनाम घोषित कर रखा था, ताकि किसी बड़े हमले को अंजाम देने से पहले उन्हें खत्म किया जा सके. पिछले डेढ़ महीने से चार आतंकियों को किश्तवाड़ और आसपास के इलाकों में देखा गया था. इसे देखते हुए पुलिस के साथ ही आर्मी भी चौकन्नी हो गई थी. चारों आतंकवादियों के पनाहगाह के बारे में पता लगाने के लिए इंटेलिजेंस को एक्टिव कर दिया गया था. साथ ही इनाम घोषित कर आमलोगों से भी आतंकवादियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की गई थी. आखिरकार सुरक्षाबलों को कामयाबी मिली. तीन आतंकवादी मारे गए हैं, पर एक अभी भी बचता फिर रहा है.
दो सालों से बचता फिर रहा था सैफुल्लाह
जैश कमांडर सैफुल्लाह पिछले दो सालों से पुलिस से बच रहा था. यही नहीं सैफुल्लाह किश्तवाड़ और डोडा में कई युवाओं को बरगला कर आतंक की राह पर धकेलने का काम काम कर चुका था. वह युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकवादी बनाने का लगातार प्रयास कर रहा था. बताया जाता है कि सैफुल्लाह पाकिस्तान में आतंकियों के साथ लगातार संपर्क था. घुसपैठ के जरिए पिछले दो सालों में सैफुल्लाह को पाकिस्तान से हाइटेक हथियारों के जखीरे मिलते रहे हैं. बता दें 7 बैग सैफुल्लाह और बाकी दो साथियों के बरामद हुए हैं. बड़ी साजिश के तहत जम्मू संभाग का माहौल खराब करने के लिए सैफुल्लाह काम कर रहा था. ऐसे में उसे एलिमिनेट करना सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी है.