भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई के लाखों खाताधारकों को बड़ी राहत दी है. आरबीआई ने इन खाताधारकों को बैंक में जमा अपनी रकम में से 25 हजार रुपये निकालने की छूट दे दी है. आरबीआई के इस ऐलान के बाद गुरुवार सुबह से ही बैंक ब्रांच के बाहर हजारों ग्राहक लंबी-लंबी कतार में खड़े दिखाई दे दिए. 24 फरवरी को ही RBI ने खाताधारक को 25,000 रुपये तक निकालने की अनुमति दी थी.
को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को यह छूट केंद्रीय बैंक द्वारा निकासी पर पूर्ण रोक सहित कड़े प्रतिबंध लगाने के लगभग दो सप्ताह बाद दी गई है. RBI ने बैंक पर ऑल-इनक्लूसिव डायरेक्शन (एआईडी) लगाया था, जिससे इसकी तरलता और वित्तीय स्थिरता पर चिंताओं के कारण किसी भी निकासी को रोक दिया गया था. आरबीआई ने बैंक से जमा और निकासी दोनों पर ही प्रतिबंध लगा दिया था.
आरबीआई ने बैंक की नकदी स्थिति की समीक्षा के बाद अब जमाकर्ताओं को आंशिक राहत देने का फैसला किया है. इसमें कहा गया है कि 50% से अधिक जमाकर्ता अपनी शेष राशि पूरी तरह से निकाल सकेंगे. शेष 50 फीसदी खाताधारक 25,000 रुपये तक या अपनी उपलब्ध शेष राशि से कम होने पर पूरी निकासी कर सकते हैं. निकासी बैंक शाखाओं और एटीएम के माध्यम से की जा सकती है.
मुंबई के प्रभादेवी स्थित न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक की शाखा में बड़ी धांधली चल रही थी. बैंक में एक समय में 10 करोड़ रुपये रखने की क्षमता थी, लेकिन आरबीआई निरीक्षण के दिन कैश इन हैंड बुक में 122.028 करोड़ रुपये दिखाए गए थे. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये की हेराफेरी की जांच कर रही है और अब तक बैंक के दो पूर्व शीर्ष अधिकारियों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
बैंक के प्रभादेवी स्थित कॉर्पोरेट ऑफिस शाखा का दौरा किया, जहां उन्होंने पाया कि तिजोरी से 122 करोड़ रुपये गायब थे. कॉर्पोरेट ऑफिस शाखा की बैलेंस शीट में प्रभादेवी और गोरेगांव शाखाओं में बैंक की तिजोरी में 133.41 करोड़ रुपये दिखाए गए थे और उस दिन प्रभादेवी शाखा की बैलेंस शीट में 122.028 करोड़ रुपये का आंकड़ा था. तिजोरी में नकदी रखने की क्षमता केवल 10 करोड़ रुपये थी, जबकि तिजोरी में सिर्फ 60 लाख रुपये पाए.