रुपये में आ रही गिरावट को थामने के लिए आरबीआई को क्या-क्या नहीं करना पड़ रहा। मुद्रा विनिमय बाजार यानी फॉरेक्स मार्केट में उसे 4 से 7 अरब डॉलर (करीब 60 हजार करोड़ रुपये) डालने पड़े ताकि रुपये में आ रही गिरावट को कुछ हद तक कम किया जा सके। अब भारतीय भारतीय बैंकिंग सिस्टम में भी रिकार्ड मनी कार्ड की तैयारी चलये सभी कोशिशें पिछले 2 सत्रों से विदेशी मुद्रा बाजार में जारी गिरावट को थामने के लिए की जा रही हैं. रही है। स्पष्ट रूप से ये सभी कोशिशें पिछले 2 सत्रों से विदेशी मुद्रा बाजार में गिरावट के लिए जारी की जा रही हैं।
रिजर्व बैंक ने एक रात वाले वैरिएबल रेपो रेट के आधार पर बैंकिंग सिस्टम में पैसे डालने के लिए बड़ी नीलामी की तैयारी कर ली है. बुधवार को यह पैसा बैंकिंग सिस्टम में डाला जाएगा, जो 28.85 अरब डॉलर (करीब 2.50 लाख करोड़ रुपये) होगा. यह रकम आज तक आरबीआई की ओर से एक दिन में डाली की सबसे बड़ी मात्रा है.
आरबीआई की ओर से जारी आंकड़े देखें तो पता चलता है कि बीते 10 फरवरी तक एक सप्ताह से भी कम समय के भीतर भारतीय बैंकिंग प्रणाली में लिक्विडी यानी पूंजी की कमी 4 गुना बढ़कर करीब 2 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है. इसका कारण आउटफ्लो और आरबीआई की ओर से आक्रामक डॉलर बिक्री को बढ़ावा देना है. इससे पहले आरबीआई ने बीते सोमवार को भी फॉरेक्स मार्केट में 4 से 7 अरब डॉलर बेचे थे, जो रुपये को समर्थन देने के लिए था.