दिल्ली में विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बंपर जीत भी शेयर मार्केट में जान नहीं फूंक पाई. समझा जा रहा था कि यदि भाजपा जीतेगी तो शेयर बाजार में लगातार आ रही गिरावट थम सकती है और मार्केट भाजपा की जीत के जश्न में अच्छी-खासी उछल सकती है. लेकिन सोमवार को जब भारतीय शेयर बाजार खुला तो उसमें भाजपा की जीत का उत्साह नजर नहीं आया, उलट मार्केट में तगड़ी गिरावट देखने को मिली.
सुबह 10:35 बजे तक मुख्य सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 603.97 अंकों (0.78 फीसदी) की गिरावट 77256.22 पर था, जबकि निफ्टी-फिफ्टी 189.10 अंकों (0.80 फीसदी) गिरकर 23370.85 तक आ चुकी थी. एक बार फिर से 23500 का अहम लेवल तोड़ना निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन सकता है. इसी समय निफ्टी बैंक में 389.65 अंकों (0.78 फीसदी) की गिरावट आई, और इसे 49769.20 पर देखा गया.
जिओजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वी.के. विजयकुमार ने कहा, “दिल्ली चुनाव परिणाम, विशेष रूप से भाजपा की जीत की प्रकृति, हालांकि बाजार के नजरिए से सकारात्मक है, लेकिन यह बाजार में एक लंबी चल सकने वाली रैली को ट्रिगर करने नहीं कर सकती. डॉलर इंडेक्स के 108 से ऊपर और 10-वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के 4.4% से ऊपर होने के साथ, एफआईआई हर रैली को माल बेचते रहेंगे, जिससे कोई भी संभावित उछाल एक लिमिट में ही रहेगा.”
सोमवार को रुपया एक नए ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया, क्योंकि अमेरिकी ट्रेड टैरिफ की आशंकाओं ने ज्यादातर एशियन करेंसीज़ को कमजोर करने का काम किया. ट्रेडर्स ने रॉयटर्स को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा करेंसी को स्थिर करने के लिए हस्तक्षेप करने की संभावना है. शुरुआती कारोबार में, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.95 तक कमजोर हो गया, जो पिछले सप्ताह के 87.5825 के अपने पिछले रिकॉर्ड निचले स्तर को पार कर गया. यह दिन के लिए 0.6% की गिरावट के साथ 87.9325 पर कारोबार कर रहा था.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 70 में से 48 सीटें जीतकर 26 साल बाद सत्ता में वापसी की है. वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) को 40 सीटों का नुकसान हुआ और वह 22 सीटों पर सिमट गई. कांग्रेस लगातार तीसरी बार एक भी सीट नहीं जीत सकी.
वोट शेयर की बात करें तो भाजपा को 45.56% वोट मिले, जो 2020 के 38.51% से बढ़कर 7.05% की वृद्धि दर्शाता है. AAP का वोट शेयर 2020 में 53.57% था, जो इस बार घटकर 43.57% रह गया, यानी लगभग 10% की कमी. कांग्रेस का वोट शेयर 2020 में 4.3% था, जो इस बार बढ़कर 6.34% हो गया.