अमेरिका से डिपोर्ट किए गए हरियाणा के कैथल जिले के 5 युवा अपने गांव लौट आए हैं, लेकिन वे मानसिक तनाव में हैं और घर जाने की बजाय दोस्तों और रिश्तेदारों के पास समय बिता रहे हैं. इनमें से चार युवाओं को पंजाब पुलिस ने उनके गांवों तक छोड़ा, लेकिन जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. जिला पुलिस प्रशासन अब अपने स्तर पर इन युवाओं के बारे में जानकारी जुटा रहा है. परिजनों ने दावा किया है कि घर तक बच्चों को हथकड़ियों में लाया गया औऱ फिर छोड़ा गया.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिले में अब तक चार युवाओं की घर वापसी हो चुकी है, जबकि चार अन्य युवाओं की अगली फ्लाइट में आने की बात बताई जा रही है. ये चार युवा हैं, इनमें साहिल गांव धुंधरेड़ी, अभिषेक गांव प्यौड़ा, अंकित, गांव कसान और अमन गांव अटेला शामिल हैं.
अंकित ने बताया, “मैं अमेरिका डोंकी रूट से गया था और पैसे कमाने के लिए गया था क्योंकि यहां की सरकार हमें नौकरी नहीं दे रही थी. दोस्तों और रिश्तेदारों से ब्याज पर उधार लेकर अमेरिका गया था. एजेंट ने कहा था कि 45 दिन में पहुंचा दूंगा, लेकिन मुझे इस रूट से जाने में सात महीने लगे. बीच रास्ते वापस बुलाने की भी बात हुई, लेकिन एजेंट ने कहा कि कोई बात नहीं, पहुंचा दूंगा. डोंकरों ने आपसी पेमेंट के चक्कर में मैक्सिको बॉर्डर पर 45 दिन तक बैठाकर रखा. उसके बाद पहाड़ों के रास्ते से 15-20 किलोमीटर तक पैदल चलवाया और कांटेदार तार क्रॉस करवाई. उसके बाद ‘वेलकम टू USA’ लिखा था और हम USA पहुंच गए.”
डिपोर्ट होकर लौटे युवाओं ने बताया कि अमेरिका में भारतीयों की धरपकड़ जारी है. उन्हें वहां सूचना मिली कि 17 फरवरी को एक और विमान अवैध प्रवासियों को लेकर भारत पहुंचेगा. अमेरिकी सरकार, खासकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रभाव के चलते, अवैध प्रवासियों पर सख्ती बरत रही है, जिससे यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है.
धुंधरेड़ी निवासी साहिल के परिवार ने बताया कि पंजाब पुलिस के जवान सुबह उसे घर छोड़कर गए. उन्होंने कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए और फिर साहिल की फोटो लेकर वापस लौट गए. लेकिन इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी न तो जिला प्रशासन को दी गई और न ही स्थानीय पुलिस को.