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जलगांव ट्रेन हादसे में मृतकों की संख्या और बढ़ी, शुरुआती जांच में सामने आई हादसे की वजह

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मुंबई
 महाराष्ट्र के जलगांव रेल हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई. महाराष्ट्र के जलगांव में भीषण रेल हादसे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुःख जताया है. पीएम मोदी ने कहा कि रेलवे ट्रैक पर हुए दुखद हादसे से दुखी हूं.

मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे है. आपको बात दें कि महाराष्ट्र के जलगांव रेल हादसे में मरने वालों की संख्या 13 हुई. हादसे में 10 यात्री गंभीर रूप से घायल हो हुए.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के जलगांव में बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है. आग की अफवाह से चलती ट्रेन से यात्री कूद गए. वहीं दूसरी ट्रेन की चपेट में आने से 13 यात्रियों की मौत हो गई है. पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफवाह फैली थी. जलगांव के परांडा रेलवे स्टेशन पर यह हादसा हुआ. बताया जा रहा है कि पुष्पक एक्सप्रेस लखनऊ से मुंबई जा रही थी. वहीं मौके पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है.

क्याें हुआ यह हादसा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा है कि महाराष्ट्र के जलगांव में रेलवे ट्रैक पर हुए दुखद हादसे से दुखी हूं। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी जलगांव से 20 किलोमीटर दूर जिस जगह पर कर्नाटक एक्सप्रेस ने पुष्पक के यात्रियों को कुचला। उसके पीछे की वजह भी सामने आई है। सामने आया है कि जिस जगह पर यह हादसा हुआ। वहां पर ट्रैक में शॉर्प टर्न है। इस वजह से दूसरे ट्रैक पर बैठे पैसेंजर्स को ट्रेन आने का अंदाजा नहीं हुआ। इसी वजह से यात्री हट नहीं पाए। वे कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट मे आ गए।

ड्राइवर ने धीमी की थी ट्रेन
ट्रेन अचानक एकदम से धीमी हुई और ट्रेन के नीचे धुआं उठा। जानकारों का कहना है कि अचानक ब्रेक लगने की वजह से ब्रेक शू रगड़ाया। इससे धुआं हुआ। यात्री इस वजह से डर गए कि ट्रेन में आग लग गई और उन्होंने अलार्म चेन पुलिंग कर दी। कुछ पैसेंजर ट्रेन से उतर कर देखने लगे कि क्या हुआ। जहां ट्रेन रुकी थी, वहां टैक लगभग दो डिग्री के कर्वेचर में बना हुआ है। इस वजह से पैसेंजर यह देख नहीं पाए कि जिस पटरी वे खड़े हैं, उसी पटरी पर कोई ट्रेन आ रही है। यही हालत दूसरी ट्रेन के पायलट की भी थी। उन्हें भी नहीं दिख रहा था कि ट्रैक पर आगे क्या है? अच्छी बात यह हुई कि अलार्म चेन पुलिंग (ACP) के बाद पुष्पक एक्सप्रेस के पायलट ने नियमानुार ट्रेन की flasher light ON कर दी थी। कर्नाटक एक्सप्रेस के चालक ने इसे नोटिस किया और ट्रेन ब्रेकिंग शुरू की थी। ट्रेन की चाल धीमी हो गई थी। यदि ट्रेन अपनी स्पीड में होती तो हताहतों की संख्या बढ़ सकती थी।

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