नई दिल्ली
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के फारवर्ड अभिषेक का कहना है कि उनका लक्ष्य भारतीय हॉकी के स्वर्ण युग को वापस लाना है। अभिषेक का कहना है कि हमने ओलंपिक में पदक जीतने की प्रक्रिया शुरू कर दी है पर स्वर्ण युग अभी हासिल नहीं हुआ है जिसके लिए हमें अभी और प्रयास करने हैं। वह हांगझोऊ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम में भी शामिल थे।
अभिषेक हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) की नीलामी में दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी रहे। उन्हें श्राची रार बंगाल टाइगर्स ने 72 लाख रुपये में खरीदा था। वह पहली बार एचआईएल टूर्नामेंट खेलने को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, ‘यह अंतरराष्ट्रीय मैचों से अलग अनुभव होगा। एचआईएल भारतीय हॉकी के लिए भी एक बड़ी बात होने जा रही है क्योंकि हमें लीग में बहुत सारे विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलने का अवसर मिलेगा। इस प्रकार एचआईएल से राष्ट्रीय टीम को लाभ ही मिलेगा, उसे बेहतर खिलाड़ी मिलेंगे।
उन्होंने कहा, ‘हमारी एचआईएल टीम में बेल्जियम और जर्मनी के कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं। एचआईएल के दौरान उनके साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना और खेल से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना बहुत अहम होगा। हम उनसे छोटी-छोटी बातें सीखेंगे। अभिषेक लीग के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी है पर उन्होंने कहा कि वह दबाव लेने की जगह इसका आनंद उठायेंगे। उन्होंने कहा, ‘जिम्मेदारी तो होगी लेकिन मैं कोई दबाव नहीं लेना चाहता। मैं अपना खेल खेलूंगा। अगर मैं दबाव लूंगा तो अपना सौ फीसदी नहीं दे पाऊंगा। मैं बस अपने खेल का आनंद उठाने की कोशिश करूंगा। अधिषेक ने कहा कि पढ़ाई से बचने के लिए हॉकी खेलना शुरू किया था लेकिन उन्हें इस फैसले पर कभी पछतावा नहीं हुआ क्योंकि इस खेल ने उन्हें पहचान सहित वह सब कुछ दिया जो वह जिंदगी में पाना चाहते थे।