ओडिशा
खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने ओडिशा में होने वाले पुलिस कार्यक्रम में बाधा डालने का प्लान बनाय है। खबर है कि पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) का सालाना अखिल भारतीय सम्मेलन को लेकर धमकी जारी की है। फिलहाल, इसे लेकर पुलिस की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पन्नू ने वीडियो में कहा, 'भुवनेश्वर सिर्फ मंदिर का शहर नहीं है, बल्कि आतंक का भी शहर है जहां CISF, BSF, CRPF, NSG, NIA और IB के 200 आतंकवादी अमित शाह के नेतृत्व में बैठक कर रहे हैं, जिसने शहीद निज्जर को मारने में भूमिका निभाई। हिंसक हिन्दुत्व विचारधारा के प्रभाव में खालिस्तान समर्थक सिखों, कश्मीरी लड़ाकों, नक्सलों और माओवादियों को मारने की साजिश करने वाले डीजीपी की आंतकी कॉन्फ्रेंस में बाधा डालें और रोके।'
आगे कहा, 'नक्सलों और माओवादियों, कश्मीरी लड़ाकों, मैं अपील करता हूं कि अपने मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए भुवनेश्वर के होटलों और मंदिरों में कवर लें।' इस सम्मेलन में आंतरिक सुरक्षा, जम्मू-कश्मीर और खालिस्तान समर्थक तत्वों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल एवं अन्य गणमान्य लोग इस तीन दिवसीय सम्मेलन में शामिल होंगे जहां साइबर अपराध, एआई उपकरणों से उत्पन्न चुनौतियों तथा ड्रोन से पैदा होने वाले खतरों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने बताया कि डीजीपी और आईजीपी रैंक के लगभग 250 अधिकारी सम्मेलन में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेंगे, जबकि 200 से अधिक अन्य अधिकारी डिजिटल तरीके से हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन उन ठोस उपलब्धियों की पहचान करने तथा उनकी प्रगति की निगरानी करने का अवसर भी प्रदान करता है, जिसे हर वर्ष प्रधानमंत्री के समक्ष भी प्रस्तुत किया जाता है।
वर्ष 2013 तक यह वार्षिक सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया जाता था। उसके अगले साल जब, मोदी सरकार के सत्ता में आयी, तब गृह मंत्रालय (एमएचए) और खुफिया ब्यूरो (आईबी) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित करने का निर्णय लिया गया।