अगर आप अपने जीवन में परेशान रहते हैं और आपके दुख दूर होने का नाम नहीं ले रहे हैं तो आपको आप दर्श अमावस्या की रात कुछ उपाय करके अपने कष्ट दूर कर सकते हैं. ऐसी मान्यता है कि दर्श अमावस्या की रात विधि कुछ उपाय करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और जीवन में आने वाले कष्टों से छुटकारा मिलता है. जो लोग इस रात विधि विधान से उपाय करते हैं तो उन्हें अपने कार्यों में सफलता अवश्य प्राप्त होती है और जीवन में सभी बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं. इसके साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
पंचांग के अनुसार, द्रिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने की दर्श अमावस्या तिथि 30 नवंबर को सुबह 10 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी. और 1 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि की मुताबिक दर्श अमावस्या 30 नवंबर दिन शनिवार को ही मनाई जाएगी, क्योंकि अमावस्या की पूजा रात के समय की जाती है.
अमावस्या की रात करें ये उपाय
दर्श अमावस्या की रात पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें.
दर्श अमावस्या की शाम को घी का दीपक जलाकर नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें. इससे पितरों को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.
रात के समय शिवलिंग पर जल चढ़ाकर और बेलपत्र अर्पित करके शिवजी की पूजा करें. इससे लोगों पर भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसती है.
अमावस्या की रात मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं और विष्णु भगवान की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
भगवान गणेश की पूजा करने से सभी कार्य में सफलता मिलती है और बिगड़े हुए कार्य भी बनने लगते हैं. साथ ही सभी संकट दूर होने लगते हैं.
अमावस्या के दिन दान करना बहुत पुण्य का काम माना जाता है. आप अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को भोजन, वस्त्र आदि दान कर सकते हैं.
गाय को चारा खिलाने से भी पुण्य मिलता है और गाय का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इससे लोगों को पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
अमावस्या के दिन ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना बहुत लाभकारी होता है. इससे मन को शांति मिलती है और दिन अच्छा बीतता है.
दर्श अमावस्या का महत्व
दर्श अमावस्या का दिन पितरों को याद करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए समर्पित होता है. इन उपायों को करने से न केवल पितर प्रसन्न होते हैं बल्कि जीवन में भी सुख-समृद्धि आती है और जीवन में आने वाले कष्टों से छुटकारा मिलता है. दर्श अमावस्या के दिन विधि विधान से पूजा करने से पितरों के लिए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग आसान हो जाता है और ज्यादा कष्टों का सामना नहीं करना पड़ता है.