मुंबई.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों से विपक्षी इंडिया गठबंधन सदमे में है। उसके घटक दल नतीजों को मानने को तैयार नहीं हैं। शिवसेना उद्धव गुट के संजय राउत ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि ये नतीजे न तो पार्टी और न ही महाराष्ट्र की जनता को स्वीकार हैं। वहीं, आज उन्होंने कहा है कि हम निराश नहीं हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम पर शिवसेना(UBT) नेता संजय राउत ने कहा कि हम निराश नहीं हैं। हम लड़ने वाले लोग हैं। हम बाला साहेब ठाकरे के शिव सैनिक हैं। बाला साहेब ठाकरे साहब ने भी उनके जीवन में ऐसी बहुत हार-जीत देखी। हम चुनाव हारे या हमने सत्ता गवाई लेकिन उसको लेकर हमें कोई दुख नहीं है। हम लड़ते रहेंगे और महाराष्ट्र के खिलाफ जा काम हो रहे हैं, हम उसका विरोध करते रहेंगे। संजय राउत ने आगे कहा कि इन नतीजों से महाराष्ट्र की जनता भी दुखी है, वे खुश नहीं हैं, जश्न कहां है? भाजपा कार्यालय या एकनाथ शिंदे के आवास पर कुछ हुआ होगा, लेकिन जो नतीजे आए हैं, लोग अभी भी आश्चर्यचकित हैं कि यह कैसे हुआ।
रुझान आ रहे थे तब भी राउत ने किया था विरोध
इससे पहले संजय राउत ने रुझानों पर भी कहा था कि जय पराजय, हार जीत होती रहती है। लोकशाही में ये सब होता है लेकिन आज जो हो रहा है वह जनता का फैसला नहीं है। नतीजों में कुछ तो गड़बड़ है। संजय राउत ने जनादेश को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने गौतम अडाणी और उनके भतीजे पर अमेरिका में लगे आरोपों पर भी बयान दिए थे। उन्होंने कहा था, 'दो दिन पहले गौतम अडाणी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एक अरेस्ट वारंट निकला। दो हजार करोड़ के रिश्वत के केस से भाजपा की पोल खुल गई है और उसी को छिपाने के लिए अब चुनाव में खेल किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र अब गौतम अडानी की जेब में जा रहा है। हम इसे अडाणी राष्ट्र नहीं होने देंगे।'
एक नजर चुनावी नतीजों पर
महाराष्ट्र चुनाव में महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटों पर जीत दर्ज की। जिसमें भाजपा ने 132, शिंदे की शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। वहीं महाविकास आघाड़ी ने सिर्फ 46 सीटें जीतीं। जिसमें कांग्रेस ने 16 और शिवसेना ने 20 सीटें जीतीं।
शिंदे की सेना ने 36 सीटों पर उद्धव गुट को दी मात
अब इस बात को ऐसे समझिए कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने महाराष्ट्र चुनावों में उद्धव ठाकरे की शिवसेना को 36 सीटों पर हराया। जिससे इस बात पर जनता का रूख सामने आता हुआ दिखा कि असली शिवसेना वही है जिसे दिवंगत बाल ठाकरे ने स्थापित किया था या नहीं।
एक नजर जीत हार के समीकरण पर
एक तरफ महायुति गठबंधन का हिस्सा एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ी जिसमें 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया। दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 95 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जिसमें केवल 20 सीटें ही जीती। देखा जाए तो केवल 14 सीटों पर उसने शिंदे के उम्मीदवारों को हराया।