Home तकनीकी iPhone बनाने की रेस में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने मारी बड़ी बाजी

iPhone बनाने की रेस में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने मारी बड़ी बाजी

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नई दिल्ली

iPhone बनाने की रेस में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने बड़ी बाजी मार ली है। दरअसल iPhone बनाने वाली ताइवान की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर पेगाट्रॉन के तमिलनाडु प्लांट में टाटा ने बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है। इस डील के बाद भारत में आईफोन बनाने की रफ्तार तेज हो सकती है। हालांकि इस डील को लेकर टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पेगाट्रॉन की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है।

टाटा समूह ने खरीदी 60 फीसद हिस्सेदारी
रिपोर्ट की मानें, तो इस डील से टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के पास 60 फीसद हिस्सेदारी होने की उम्मीद है। इस डील के साथ पेगाट्रॉन टाटा के साथ ज्वाइंट वेंचर में iPhone प्रोडक्शन करेगा। इस डील में टाटा समूह को 150 से 200 मिलियन डॉलर का पेंमेंट करना होगा। विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन के साथ मिलकर टाटा भारत में iPhone बनाने का काम करेगा। ताइवान की फॉक्सकॉन कंपनी के पास iPhone बनाने का कॉन्ट्रैक्ट है।

iPhone बनाने की रफ्तार होगी तेज
ऐपल की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर के पास मौजूदा वक्त में 40 मिलियन आईफोन बनाने की क्षमता है। कंपनी हर माह करीब 30 से 35 मिलियन आईफोन यूनिट का निर्माण करती है। इस डील के बाद माना जा रहा है कि iPhone मैन्युफैक्चरिंग तेज हो सकती है। साथ ही चीन के बाहर आईफोन की सप्लाई चेन को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि जियोपॉलिटिकल टेंशन की वजह से आईफोन की सप्लाई चेन पर बुरा असर पड़ सकता है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की डील के बाद भारत में आईफोन की डिमांड को पूरा किया जा सकेगा। साथ ही भारत के पड़ोसी देश में आईफोन की डिमांड को पूरा किया जा सकेगा। ऐपल की मानें, तो पिछले कुछ माह में आईफोन की डिमांड में इजाफा दर्ज किया गया है।

सालाना 4.5 मिलियन आईफोन का हो रहा निर्माण
टाटा ग्रुप की तरफ से आईफोन कंपोनेंट बनाने को लेकर मल्टी पार्टनर स्ट्रैटजी प्लान किया गया है। पेगाट्रॉन के पास भारत में 9500 कर्मचारी मौजद हैं। साथ ही सालाना हिसाब से 4.5 मिलियन आईफोन का प्रोडक्शन किया जाता है। कंपनी साल 2022 से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है।

पीएलआई स्कीम का मिलेगा फायदा
सरकार ने भारत में आईफोन बनाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इनिशिएटिव यानी PLI स्कीम शुरू की गई है, जिसका फायदा टाटा समूह और पेगाट्रॉन को मिल सकता है। ताइवान की विस्ट्रॉन कंपनी आईफोन असेंबली प्लांट का अधिग्रहण करने के बाद नमक से लेकर स्टील बनाने वाली ग्लोबल आईफोन मैन्युफैक्चरिंग करने वाली पहली भारतीय यूनिट बन गई है।

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