Home अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस की नजर भारतीय-अमेरिकी वोटरों पर

राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस की नजर भारतीय-अमेरिकी वोटरों पर

1

नॉर्थ कैरोलिना

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अब नजदीक आ चुका है और डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस, जो भारतीय और जमैकाई माता-पिता की बेटी हैं, ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय से मजबूत समर्थन की उम्मीद लगा रखी है. खासतौर से, कई अहम ‘बैटलग्राउंड’ माने जाने वाले राज्यों में भारतीय-अमेरिकी समुदाय हैरिस को समर्थन देने के लिए एकजुट दिख रहा है.

कई भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए यह एक ऐतिहासिक मौका है कि उनकी मूल की नेता व्हाइट हाउस की दौड़ में शामिल हैं, जिससे इस समुदाय का अमेरिकी राजनीतिक परिदृश्य में एक मजबूत स्थान बनता नजर आ रहा है. फेडरेशन ऑफ इंडियन-अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ जॉर्जिया के जनरल सेक्रेटरी डॉ. वासुदेव पटेल ने कहा, "यह गर्व की बात है कि भारतीय मूल की एक नेता अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा ले रही हैं."

जॉर्जिया अमेरिका की सात महत्वपूर्ण ‘बैटलग्राउंड’ राज्यों में से एक है और पटेल का मानना है कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय यहां हैरिस के पक्ष में चुनाव परिणाम को बदल सकता है.

मोंटगोमरी काउंटी, मेरीलैंड के निवासी और दिल्ली में पले-बढ़े तकनीकी विशेषज्ञ सौरभ गुप्ता ने बताया, "मैंने पिछली बार ट्रंप को वोट दिया था, लेकिन इस बार मैं कमला हैरिस का समर्थन करूंगा." अगर हैरिस जीतती हैं, तो यह पहली बार होगा जब भारतीय मूल की कोई शख्सियत अमेरिका के शीर्ष पद तक पहुंचेगी.

दूसरा सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय

कमला हैरिस को अगस्त में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए आगे किए जाने के बाद कई भारतीय-अमेरिकी और दक्षिण एशियाई समूह उनके समर्थन में जुट गए हैं. इसमें उनके लिए फंड जुटाना भी शामिल है.

अमेरिका में लगभग 52 लाख भारतीय-अमेरिकी हैं, जो दूसरा सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बनाते हैं. इनमें से करीब 23 लाख लोगों के पास वोटिंग राइट्स हैं. 2024 के एक सर्वेक्षण के मुताबिक 55 प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रेट्स के रूप में पहचान रखते हैं, जबकि 26 प्रतिशत रिपब्लिकन हैं.

सर्वे में सामने आया मतदाताओं का मूड

इस महीने कार्नेगी एंडाउमेंट के एक सर्वे में पाया गया कि 61 प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी रजिस्टर्ड मतदाता हैरिस को वोट देने का मन बना चुके हैं, जबकि 32 प्रतिशत ट्रंप का समर्थन करेंगे. इसमें बताया गया कि 67 प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी महिलाएं हैरिस का समर्थन कर रही हैं, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 53 प्रतिशत है. दूसरी ओर 22 प्रतिशत महिलाएं ट्रंप को वोट देने की इच्छुक हैं, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 39 प्रतिशत है.

चुनाव में अब सात दिन से भी कम का समय रह गया है और दोनों उम्मीदवारों, हैरिस और ट्रंप, के बीच अधिकांश स्विंग स्टेट्स में कांटे की टक्कर चल रही है. इस हफ्ते के अंतिम सीएनएन के सर्वे में 47 प्रतिशत संभावित मतदाता हैरिस का समर्थन कर रहे हैं और इतने ही लोग ट्रंप को अपना समर्थन दे रहे हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स/सीना कॉलेज के सर्वे में भी दोनों 48 प्रतिशत पर बराबरी पर हैं. जबकि 4 प्रतिशत मतदाता अब भी अपना मन नहीं बना पाए हैं.

सात महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स

चुनाव परिणामों को प्रभावित करने वाले सात महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स हैं – जॉर्जिया, मिशिगन, एरिजोना, पेंसिलवेनिया, नॉर्थ कैरोलिना, विस्कॉन्सिन और नेवादा. इन राज्यों के पास सबसे ज्यादा इलेक्टर्स होते हैं. यहां के मतदाताओं का मूड हमेशा स्विंग होता रहता है, इन राज्यों के मतदाताओं का चुनावी मूड भांपना बेहद मुश्किल होता है. इनका रुझान हमेशा बदलता रहता है. इस वजह से इन राज्यों को स्विंग स्टेट्स कहा जाता है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में सबसे बड़ा स्विंग स्टेट इस समय पेंसिल्वेनिया है, जहां 19 इलेक्टोरल वोट्स हैं. यहां जीत दर्ज करने के लिए कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है. दोनों उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार से जुड़े समूहों ने सितंबर से अब तक इस राज्य में टीवी और रेडियो प्रचार के लिए 13.8 करोड़ डॉलर से अधिक खर्च किया है.

अमेरिका में स्विंग स्टेट्स का महत्व क्यों है?

अमेरिका के चुनावों में इन राज्यों का ऐतिहासिक महत्व है. हालांकि, चुनाव के दिन लोग अपने पसंदीदा उम्मीदवार का चुनाव करते हैं लेकिन उनके वोट से प्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रपति का चुनाव नहीं होता. इसके बजाए वोटर्स इलेक्टोरल कॉलेज का चुनाव करते हैं, जिसमें इलेक्टर्स होते हैं. हर राज्य में इलेक्टर्स की संख्या अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा में उस पार्टी के प्रतिनिधि की संख्या के समान होती है. उदाहरण के लिए मान लीजिए कि मिशिगन से सीनेट में सांसदों की संख्या 4 है तो उस राज्य में इलेक्टर्स की संख्या भी चार ही होगी. ये इलेक्टर्स सीधे तौर पर अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट करते हैं.

व्हाइट हाउस की दौड़ जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को कुल 538 में से 270 इलेक्टोरल वोट्स की जरूरत है.

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here