चंद्रयान-3 को लेकर काउंटडाउन शुरू हो चुका है. 14 जुलाई की दोपहर 2.35 बजे देश का तीसरा चंद्र मिशन यानी चंद्रयान -3 भारत की धरती से उम्मीदों का भार उठाए चंद्रमा की ओर रवाना हो जाएगा. देशभर में चंद्रयान -3 की लॉन्चिंग को लेकर जबरदस्त उत्साह है. उत्साह के इस दौर में मदर इंडस्ट्री रांची की एचईसी भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही है.
HEC के HMBP के प्लांट हेड रामजनम प्रसाद ने बताया कि चंद्रयान 3 को लेकर एचईसी से कई महत्वपूर्ण उपकरण इसरो को भेजा गया है. इसमें होरिजेंटल स्लाइडिंग डोर, फोल्डिंग प्लेटफार्म और विल बोगी सिस्टम है. इन सभी उपकरणों का इस्तेमाल असेंबलिंग एरिया से लॉन्चिंग पैड तक किया जाता है.
चंद्रयान 3 के मिशन को लेकर इसरो के साथ-साथ एचईसी की धड़कनें भी तेज हो चली है. दरअसल, 2000 से ही लगातार हर सेटेलाइट की लॉन्चिंग में रांची की एचईसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है.
* पूर्व में भी ISRO अभियान में HEC की भूमिका
* 2000 में इसरो को भेजा गया 200/25 टन का EOT क्रेन
* 2001 में 10 टन का टावर क्रेन, इस्तेमाल लॉन्चिंग के लिए
* 2005 में 400/60 का EOT क्रेन का निर्माण
* साल दर साल लगातार इसरो के लिए कोई न कोई उपकरण एचईसी बनाता रहा
इन तमाम उपकरणों का इस्तेमाल आज भी हर सैटेलाइट की लॉन्चिंग और चंद्रयान के हर मिशन में इस्तेमाल किया गया गया है.