Home राष्ट्रीय यूएनआईएफआईएल में इजरायल के खिलाफ खड़ा हुआ भारत, सैनिकों को लेबनान भेजा

यूएनआईएफआईएल में इजरायल के खिलाफ खड़ा हुआ भारत, सैनिकों को लेबनान भेजा

1

नई दिल्ली
इजरायल-लेबनान सीमा पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त करने के एक दिन बाद भारत लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) में सेना का योगदान देने वाले देशों में शामिल हो गया। साथ ही इजरायली सेना की कार्रवाई के खिलाफ खड़ा हो गया। आपको बता दें कि लेबनान में दो संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक घायल हो गए हैं।

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा: "एक प्रमुख सैन्य योगदानकर्ता देश के रूप में भारत 34 यूएनआईएफआईएल सैन्य योगदानकर्ता देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान के साथ पूरी तरह से खड़ा है। शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसे मौजूदा यूएनएससी प्रस्तावों के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए।"

इजरायल की सेना ने कहा कि शुक्रवार को दक्षिण लेबनान के नकौरा में उनके वॉचटावर के पास एक इजरायली हमले में श्रीलंका के दो संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक घायल हो गए। 48 घंटों में दूसरी बार इस क्षेत्र में शांति सैनिकों के मुख्य बेस पर विस्फोट हुए। यूनिफिल बल ने इसे गंभीर घटनाक्रम बताया और कहा कि संयुक्त राष्ट्र कर्मियों और संपत्ति की सुरक्षा की गारंटी दी जानी चाहिए।

बल में दर्जनों देशों के 10,000 से अधिक शांति सैनिक हैं। इसमें भारतीय सैनिकों की संख्या दूसरी सबसे बड़ी है। भारत के लगभग 900 सैनिक इसमें शामिल हैं। यह बयान संयुक्त राष्ट्र बलों को निशाना बनाने वाली इजरायल की कार्रवाइयों पर भारत की बेचैनी को भी दर्शाता है। आपको बता दें कि पिछले एक साल में हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल की कार्रवाइयों पर भारत ने संतुलनकारी रुख अपनाया हुआ था। लेकिन अब भारत ने इजरायल के खिलाफ स्टैंड ले लिया है।

शुक्रवार को भारत ने दक्षिणी लेबनान में लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के फंसने की खबरों और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति से चिंतित हैं। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।” 120 किलोमीटर की ब्लू लाइन संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सीमांकन रेखा है जो दक्षिणी लेबनान से इजरायली सेना की वापसी को दर्शाती है। यह लेबनान को इजरायल और गोलान हाइट्स से अलग करती है, लेकिन यह आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र परिसर की अखंडता का सभी को सम्मान करना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा और उनके जनादेश की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए।”

इजरायली सैन्य कार्रवाइयों का बचाव करते हुए भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने शुक्रवार को कहा कि हिजबुल्लाह शांति सैनिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करते हुए यूनिफिल चौकियों के करीब इजरायल पर गोलीबारी कर रहा है। इजरायल संयुक्त राष्ट्र बलों की सुरक्षा के लिए कदम उठाना जारी रखेगा और उनकी सुरक्षा के लिए सभी जिम्मेदार देशों के साथ आवश्यक कदमों का समन्वय करेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here