Home राष्ट्रीय मोदी कैबिनेट ने एनीमिया और पोषक तत्वों की कमी को दूर करने...

मोदी कैबिनेट ने एनीमिया और पोषक तत्वों की कमी को दूर करने 17,082 करोड़ की स्‍कीम को मंजूरी दी

5

नई दिल्‍ली
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनीमिया और पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए 17,082 करोड़ रुपये की लागत वाली एक स्‍कीम को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत फोर्टिफाइड चावल को बढ़ावा दिया जाएगा। योजना का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, 2019 से 2021 के बीच एनीमिया भारत में एक बड़ी समस्या बनी हुई है। यह बच्चों, महिलाओं और पुरुषों सभी को प्रभावित करता है। आयरन की कमी के अलावा, विटामिन बी12 और फोलिक एसिड जैसी अन्य विटामिन और खनिज की कमी भी बनी रहती है। इससे लोगों के स्वास्थ्य और उत्पादकता पर असर पड़ता है।

दुनिया भर में एनीमिया और कुपोषण से निपटने के लिए खाद्य पदार्थों को फोर्टिफाइड किया जाता है। भारत में 65% लोग चावल खाते हैं। ऐसे में पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए चावल एक आदर्श माध्यम है।

चावल फोर्टिफिकेशन में FSSAI की ओर से निर्धारित मानकों के अनुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों (आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी 12) से समृद्ध फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) को सामान्य चावल में मिलाया जाता है।

इसके अलावा कैबिनेट ने दो और महत्‍वपूर्ण फैसले लिए हैं। इनमें गुजरात में नेशनल मेरिटाइम हेरिटेज कॉम्‍प्‍लेक्‍स का विकास और राजस्थान तथा पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार शामिल हैं।

नेशनल मेरिटाइम हेरिटेज कॉम्‍प्‍लेक्‍स के विकास को हरी झंडी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के लोथल में नेशनल मेरिटाइम हेरिटेज कॉम्‍प्‍लेक्‍स (NMHC) के विकास को मंजूरी दे दी है। यह दो चरणों में पूरा होगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

पहले चरण (1A) में 1,238.05 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें प्रमुख बंदरगाह, रक्षा मंत्रालय (भारतीय नौसेना) और संस्कृति मंत्रालय का योगदान होगा। मंत्रिमंडल ने चरण 1B और चरण 2 के लिए भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इनके लिए धन स्वैच्छिक संसाधनों से जुटाया जाएगा।

चरण 1B में 266.11 करोड़ रुपये की लागत से लाइट हाउस संग्रहालय का निर्माण शामिल है। इसके लिए धन लाइटहाउस और लाइटशिप महानिदेशालय की ओर से दिया जाएगा।

इस परियोजना से 15,000 प्रत्यक्ष और 7,000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। इससे स्थानीय समुदायों, पर्यटकों, शोधकर्ताओं, सरकारी निकायों, शिक्षण संस्थानों, सांस्कृतिक संगठनों, पर्यावरण समूहों और व्यवसायों को लाभ होगा।

सीमावर्ती क्षेत्रों में 2,280 किमी सड़क का निर्माण

इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में 2,280 किलोमीटर सड़कों के निर्माण को भी मंजूरी दी है। इसमें 4,406 करोड़ रुपये का निवेश होगा।

यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के अनुरूप है। इसका उद्देश्य ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देना, यात्रा में सुधार करना और राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के साथ बेहतर संपर्क सुनिश्चित करना है।

यह पहल इन सीमावर्ती क्षेत्रों को बेहतर सड़कों, दूरसंचार संपर्क, पानी की आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा सुविधाओं वाले जीवंत गांवों में बदलने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here