महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आया हुआ है. एनीसपी नेता अजित पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. वहीं अपने भतीजे अजीत पवार के इस फैसले से एनसीपी प्रमुख शरद पवार नाराज हैं. उन्होंने सोमवार को महाराष्ट्र के सतारा पहुंचे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में जातिवाद की राजनीति नहीं चलेगी और महाराष्ट्र को अपनी एकता दिखानी होगी.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है. हमें नई शुरुआत करनी है. शरद पवार ने 5 जुलाई को पार्टी नेताओं की अहम बैठक बुलाई है. शरद पवार ने कहा कि हमारी विचारधारा संप्रदायिकता के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि फूट डालकर हिंसा फैलाने की कोशिश की जा रही है. सतारा में शरद पवार ने कहा कि हम उद्धव ठाकरे के साथ महाराष्ट्र की सेवा कर रहे थे. लेकिन कुछ लोगों ने सरकार गिराई. ऐसा ही देश के अलग-अलग हिस्सों में हुआ. आज महाराष्ट्र और पूरा देश समस्य़ा से जूझ रहा है और जाति-धर्म के आधार पर समाज में बंटवारा किया जा रहा है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने मार्गदर्शक और महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण को कराड में उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि दी.
बता दें कि एक तरफ जहां शरद पवार ने सतारा में रैली की और एनसीपी नेता लगातार शरद पवार का समर्थन करने की बात कह रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ अजित पवार का खेमा भी सक्रिय है. मंत्रीपद की शपथ लेने वाले सभी मंत्री आज सुबह ही अजित पवार के आवास पर पहुंचे हैं.