नारायणपुर जिले के कस्तूरमेटा और मोहंदी के बीच नक्सलियों के द्वारा जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए सड़क के बीचोबीच कुकर बम लगाया गया था, लेकिन जवानों ने सड़क पर वायर देखा। इससे उन्हें शक हुआ, जिसके बाद जवानों ने सड़क खोदकर बम को बाहर निकाल कर उसे डिफ्यूज कर दिया।
आला अधिकारियों ने बताया कि रोजाना की तरह आज सुबह भी जवानों की एक टुकड़ी सर्चिंग पर निकली थी, जहां नक्सलियों के द्वारा जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कस्तूरमेटा और मोहंदी के बीच में पांच-पांच किलो के तीन कुकर बम को दबा कर रखे थे। अचानक से जवानों की नजर तार पर गई, जहां जवानों ने बीडीएस की टीम को बुलाया गया। टीम ने तीनों बम को बाहर निकालकर उसे नष्ट कर दिया।
इसके पहले भी हुई वारदातें —
25 नवंबर 2019 : बारसूर-पल्ली मार्ग पर पुसपाल के आगे नक्सलियों ने आईईडी बिछा रखी है। सर्चिंग के दौरान जवानों को 3 फीट गहरे गड्ढे में प्रेशर कुकर में 3 किलो आईईडी दबी मिली। जिसे पत्थरों व पत्तों से दबाकर रखा गया था।
22 नवंबर 2019 : इसी इलाके में नक्सलियों की लगाई आईडी की चपेट में आकर सड़क निर्माण में लगे 2 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
6 अगस्त 2019 : नक्सली सप्ताह के चौथे दिन पुसपाल सीआरपीएफ कैम्प से करीब 700 मीटर की दूरी विस्फोट हुआ। सीआरपीएफ के जवान रात करीब 11 बजे गश्त से लौट रहे थे। वहीं 3 किमी दूर बोदली की सड़क के किनारे गिट्टी का ढेर रखा हुआ था। इसी के नीचे दो बम को जोड़कर प्रेशर कूकर में नक्सलियों ने आईईडी दबाकर रखी थी। इसी गिट्टी पर जवान रोशन कुमार का पैर आते ही ब्लास्ट हो गया और उनकी मौत हो गई।